2019 के लोकसभा चुनावों के पहले ही राजनैतिक बिसातें बिछाए जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। राजनीति भी ऐसी जगह जहाँ कब दुश्मन दोस्त हो जाएँ तो कब दोस्त कट्टर दुश्मन बन जाएँ, कोई नहीं कह सकता है। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विपक्ष उन पर हमलावर बना हुआ है। इसी क्रम में अब अखिलेश ने योगी सरकार का समर्थन कर दिया है। अखिलेश के इस बयान के बाद से देश भर की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
अखिलेश सिंह ने किया सीएम योगी का समर्थन :
रायबरेली के पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि अगर एमएलसी का चुनाव होता है तो मैं कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन की अपील करूंगा। उन्होंने कहा कि ठाकुर जाति का होने के नाते, मैं सीएम योगी के साथ हूं लेकिन राजनीति में नहीं। पूर्व विधायक ने कहा कि बीजेपी ने अगर एमएलसी दिनेश सिंह को शामिल किया है तो उसे 6 महीने में पता चल जाएगा कि उससे क्या फायदा है और क्या घाटा हुआ है। रायबरेली के पूर्व सदर विधायक ने प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की रायबरेली रैली फ्लॉप रही थी। अगर सोनिया और प्रियंका गांधी मुझसे मदद करने की बात करती हैं तो मैं रैली में दिनेश सिंह की रैली से 20 गुना ज्यादा जनता की भीड़ इकट्ठा करके दिखा दूंगा।
रायबरेली पर नहीं पड़ेगा फर्क :
एमएलसी दिनेश सिंह पर रायबरेली के पूर्व विधायक ने कहा कि वह न तो समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के हुये हैं और न बहुजन समाज पार्टी की मायावती के हुये। सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया और आज जो कुछ है, कांग्रेस पार्टी की देन है। इसके बावजूद उन्होने प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के विरोध में इतना कुछ बोल डाला। इसके लिए कांग्रेस नहीं बल्कि रायबरेली की जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी। आने वाले समय में लोकसभा के चुनाव में इनको पता चल जायेगा कि कौन कितने पानी में है।