आज पूरे देश में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है, भगवान बुद्ध शान्ति के दूत थे। बुद्ध को बिहार के बोधगया में बरगद के पेड़ के नीचे तत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था जो एक राजपरिवार में जन्में थे। इनका जन्म लुबंनी में हुआ था जो वर्तमान में नेपाल में है।
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राजकुमार सिद्धार्थ का हृदय संसार का दुख देखकर द्रवित हो उठा। और उन्होने राजमहल का परित्याग कर दिया।
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इसके बाद बुद्ध सत्य की खोज में निकल पड़े। जहां उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई।
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हिंदू शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि के दिन तीर्थ स्थलों पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।
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माना जाता है कि बैसाखी पूर्णिमा को ही हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान विष्णु का बुद्ध के रूप में नौवां अवतार हुआ था।
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आज ही के दिन भगवान बुद्ध का स्वर्गारोहण समारोह भी मनाया जाता है।
राष्ट्रपति ने दी बुद्ध पूर्णिमा पर शुभकामनाः
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राष्ट्रपति ने देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं।
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राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भगवान बुद्ध के प्यार, करुणा, अहिंसा तथा समानता के संदेश का विश्व में युगों तक महत्व रहेगा।
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उन्होने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं मानवता के लिए प्रकाश हैं, हमें इस अवसर पर अहिंसा और करुणा की भावना दोहराने का संकल्प लेना चाहिए।
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राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा- “मैं कामना करता हूं कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमें शांति, सद्भाव और विश्व में एकता के लिए प्रेरित करें।”
मुख्यमंत्री ने ट्विट कर दी शुभकामनाएः
https://twitter.com/CMOfficeUP/status/733905985094455296
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर के जिरये प्रदेश और देश के लोगों को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर उनके संदेशों के साथ शुभकामनाएं दी।