अपनी शादी को लेकर हर लड़की के मन में हजारो सपने होते हैं। अपने होने वाले जीवनसाथी से लेकर अपने ससुराल में अपने भावी जीवन के लिए कई सारे सपने सजाती है। लड़की के लिए उसकी शादी जीवन की सबसे बड़ी एक रस्म होती है और उम्मीद होती है कि इसके बाद उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां आएंगी। लेकिन हमारे भारत देश में एक ऐसे समुदाय है जहां शादी के बाद लड़कियों के हिस्से में खुशियां नहीं बल्कि दुश्वारियां आती है। यहां शादी के अगले ही दिन नई नवेली दुल्हन से ससुराल वाले वो काम करवाते हैं जिससे उनका जीवन नर्क बन जाता है।
भारत में है ये परंपरा :
परना समुदाय’ के नाम से जाने वाले इस समुदाय में 12 से 15 साल की उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है। शादी के बाद इन्हे घर के काम-काज के साथ ही गैर मर्दों के साथ संबंध भी बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके लिए यहां की औरते और लड़कियां रात में ही घर का सारा काम निपटा लेती हैं और फिर दिन में वो धंधे के लिए निकल पड़ती है।
ऐसा करना इनके लिए हर दिन का दिनचर्या बन चुका है और अगर कोई लड़की इसे करने से मना करती है तो उसे उसके घर वाले प्रताड़ित करते हैं। ऐसे में मजबूरी में औरते अपने समुदाय के इस वाहियात परम्परा का पालन करती चली आ रही हैं।
इस समुदाय में पैदा होने वाली हर लड़की को ट्रेनिंग के लिए दलालों को सौंप दिया जाता है और वास्तव में देखा जाए तो इस समुदाय में होने वाली शादी आम शादियों जैसी नही होती है।
मीडिया कर चुका है खुलासे :
यहां जिस लड़की की सबसे ज्यादा बोली लगती है, उसे लड़की पक्ष अपनी लड़की सौंप देते हैं। इस तरह ये शादी, शादी ना होकर सौदा होता है जो पहले लड़की और लड़के पक्ष वाले आपस में करते हैं और उसके बाद हर रोज लड़के वाले यानी ससुराल करते हैं।
यहां अपने घर की दुल्हनों के लिए खुद ही ससुराल वाले ग्राहक ढूंढते हैं। इस समुदाय और इसकी शर्मनाक परम्परा के बारे में मीडिया में बहुत कुछ खुलास हो चुका है लेकिन फिर भी आज तक इसमें कोई बदलाव नही आया है।
ना किसी समाजसेवी संगठन ने इसके लिए कोई कदम उठाया और ना स्त्री सशक्तिकरण का आवाज बुलंद करने वाले देश के हुक्मरानों ने इनके लिए कुछ किया।