अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के महाप्रबंधक ज्योफ एलारडाइस ने कहा कि बीसीसीआई जब इंग्लैंड के खिलाफ आगामी श्रृंखला में प्रायोगिक तौर पर डीआरएस को आजमाएगी, ऐसे में अनिल कुंबले उसे पूर्ण रूप से डीआरएस अपनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
आगामी श्रृंखला में प्रायोगिक तौर पर होगा उपयोग-
- भारत और इंग्लैंड के बीच नौ नवंबर से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला होने जा रही है.
- इस श्रृंखला में बीसीसीआई प्रायोगिक तौर पर डीआरएस प्रणाली का उपयोग करेगी.
- आईसीसी फरवरी 2017 में एक मीटिंग करने वाली हैं.
- उसी में डीआरएस के मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा.
- गौरतलब है कि पूर्व टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी डीआरएस के खिलाफ थे.
- बीसीसीआई और धौनी के विरोध के बाद से भारतीय टेस्ट सीरीज में डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था.
- भारतीय मीडिया के साथ टेलीकॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुए चर्चा के दौरान एलेरडाइस ने कहा, कुंबले पिछले कई सालों से प्रयासरत थे कि बीसीसीआई इस प्रणाली को लागू करे.
- कुंबले इस पूरी प्रक्रिया में लगातार जुड़े रहे और उन्होंने डीआरएस के लिए बीसीसीआई को राजी कर लिया.
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क्या है डीआरएस-
- इस तकनीक के जरिए फील्ड अंपायर के फैसले के खिलाफ कोई भी टीम अपील कर सकती है.
- यह तकनीक मुख्य रूप से एलबीडब्ल्यू, स्निक आदि फैसलों में कारगर साबित हो सकती है.
- एक मैच के दौरान प्रत्येक टीम को प्रति पारी दो असफल समीक्षा का अनुरोध करने की अनुमति दी जाती है.
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