2019 के लोकसभा चुनावों की सभी राजनैतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। आगामी लोकसभा चुनावों में सभी पार्टियों के लिए कड़ी परीक्षा होने वाली है। यही कारण है कि अलग हो चुके 2 दल एक बार फिर से करीब होते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब इसकी पहल भी की गयी है जिसे लेकर सियासी गलियारों में बड़ी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।

अपनी माँ से मिली अनुप्रिया पटेल :

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल ने लगता है कि समझौते की राह पर अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। दरअसल इस समझौते की नींव कानपुर में पड़ी जहाँ मां-बेटी करीब 3 घंटे साथ रहीं थी। इस मुलाकात के बाद से चर्चा है कि दोनों माँ-बेटी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर से एक साथ हो सकती हैं। मां-बेटी दोनों ही दिलों और दलों की दूरियां समाप्त करना चाहती हैं। सियासी सूत्रों के अनुसार, कानपुर में हुई इस मुलाकात में अनुप्रिया पटेल ने मां कृष्णा पटेल को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने में मदद करने का भरोसा दिया है। इस भरोसे में उन्हें पूरी मजबूती के साथ 2019 लोकसभा चुनाव लड़ाया जाना प्रमुख रूप से शामिल है। अगर ऐसा हुआ तो 2019 में एक अलग ही नजारा देखने को मिल सकता है।

NDA को होगा सीधा फायदा :

सियासी गलियारों में खबरें चल रही हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार में अपनी माँ के लिए जगह बनवाने की कोशिश अनुप्रिया पटेल कर सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि कृष्णा पटेल अपनी बेटी अनुप्रिया के इस सुझाव पर करीब-करीब राजी हैं। मां-बेटी के एक होने का लाभ सीधे राजग गठबंधन को होगा। अनुप्रिया से संबंधों में दरार आ जाने के बाद कृष्णा पटेल की दूसरी बेटी पल्लवी पटेल मां के साथ राजनीति में सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक, कृष्णा पटेल चाहती हैं कि पल्लवी को राजनीति में आगे बढ़ाने में अनुप्रिया सहयोग करें।

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