भारत एक ऐसा देश है जहां किक्रेट को लेकर लोगो में दीवानगी साफ तौर पर दिखाई देती है। किक्रेट को लेकर इसी दीवानगी की वजह से ही देश में समय समय पर ऐसी प्रतिभायेंं सामने आती रहती है जो अपने प्रर्दशन के दम पर ना केवल सबको चौकाती है बल्कि ये उम्मीद भी जगाती हैंं कि आने वाले भविष्य में भी भारत में क्रिकेट को कोई खतरा नही है। एक ऐसी ही प्रतिभावान खिलाड़ी का नाम है प्रणव धनावड़े। इस खिलाड़ी के पिता एक ऑटोचालक है जो कि मुश्किल से ही अपने परिवार का गुुजारा चला पाते है। एक बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद भी इस होनहार बेटे ने अपने पिता के सपनों की कसौटी पर खड़ा उतरते हुए कुुछ दिनों पहले किक्रेट की दुनिया में सनसनी मचा दी थी।
अपनी शानदार बैटिग की बदौलत घरेलू क्रिकेट में विश्व रिकार्ड बनाने के बावजूद भी देश की इस बेहद प्रतिभाधारी खिलाड़ी़ को वेेस्ट जोन की अडंंर 19 टीम में जगह नही मिली। सबसे ज्यादा ताज्जुब की बात ये है कि इस टीम में भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बेेटे अर्जुन तेंदुलकर को बिना अच्छा प्रर्दशन किये ही टीम में जगह मिल गई।
प्रणव धनावड़े जैसे प्रतिभा को आगे बढाना भारतीय क्रिकेट बोर्ड की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। किक्रेट में किसी खिलाड़ी़ का व्यक्तिगत प्रर्दशन ही उसके चयन का आधार बनना चाहिए। इतना प्रतिभावान खिलाड़ी सालों में एक बार पैदा होता है। गरीबी किसी भी खिलाड़ी की कामयाबी में बाधा नही बननी चाहिए। जो भारत में क्रिकेट के भविष्य की चिन्ता करते है उन सभी जिम्मेदारी लोगो की ये जिम्मेदारी है कि वो ऐसे खिलाड़ियों को लगातार मौके देते रहेंं जिनके अन्दर क्रिकेट को लेकर इस तरह का जुनून पलता हो।
इस खबर के बारे में जब प्रणव धनावड़े के पिता को पता चला तो उन्होंने सचिन के बेटे केे चयन को सही बताया। उनके पिता ने इस खबर की सच्चाई को पूरी तरह नकार दिया।
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