गर्म हुआ बाज़ार ।
माल्या और जेटली ।।
केवल हैंडशेक ।
या चर्चा चली ?
अगर इमानदार ।
तुम माल्या बाबू ।।
था करना सामना ।
पर हुए बेक़ाबू ।।
बैठ कर विलायत ।
दे रहे ज्ञान ।।
जानती ये दुनिया ।
तुम कितने महान ।।
कृष्णेन्द्र राय
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