तीरंदाज दीपिका कुमारी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दवारा सोमवार को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनकी इस कामयाबी पर हर भारतीय को गर्व है। कभी तीरंदाज दीपिका के पास तीरंदाजी कॉम्पिटीशन में भाग लेने के लिए 10 रुपए भी नहीं थे। दीपिका कुमारी के पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे।
- दीपिका झारखण्ड जिले के रांची शहर की रहने वाली हैं।
- 21 वर्षीय दीपिका अर्जुन अवॉर्ड भी पा चुकीं हैं।
- दीपिका कुमारी ने 2011 से 2013 तक लगातार 3 वर्ल्ड कप में रजत पदक अपने नाम किए हैं।
- आर्थिक परेशानी होने के कारण कभी दीपिका कुमारी बांस के धनुष और तीर से तीरंदाजी की प्रेक्टिस किया करती थीं।
- दीपिका ने तीरंदाजी कॉम्पिटीशन में पार्टिसिपेट के लिए अपने पिता से दस रुपए मांगे थे।
- दीपिका के पिता के पास उस वक्त दस रुपए भी नहीं थे।
- दीपिका के पिता ने कहीं मांग कर दीपिका को 10 रुपए दे दिए।
- बचपन में दीपिका अपनी मां के साथ कहीं जा रही थी।
- दीपिका की नजर पेड़ पर लगे एक आम पर पड़ी।
- दीपिका ने अपनी मां से कहा वो आम तोड़ेगी, पर टहनी काफी ऊंची थी।
- इसलिए उनकी मां ने मना कर दिया।
- दीपिका नहीं मानीं और पत्थर उठाकर निशाना लगाया और आम टूटकर जमीन पर गिर गया।
- जब पद्मश्री अवॉर्ड की घोषणा हुई थी तब दीपिका ने कहा कि उन्हें उम्मीद तो थी।
- लेकिन इतनी जल्दी मिलेगा, यह भरोसा नहीं था।
- दीपिका ने बताया कि अभी उनका लक्ष्य रियो ओलिंपिक है।
- दीपिका इस बार भी देश के लिए मेडल लेकर आना चाहती हैं।
- दीपिका के साथ झारखंड की पर्यावरणविद सिमोन उरांव के लिए भी पद्मश्री अवॉर्ड की घोषणा हुई थी।
- दीपिका की फैमिली ने बताया कि सिमोन को सम्मानित करने के लिए 12 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन बुलाया गया है।
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