मानसून के दौरान खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि इस समय संक्रमण का खतरा ज्यादा होती है वही सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस का संक्रमण बढ़ने की सम्भावना रहती है।इस मौसम में पीलिया की शिकायत भी बढ़ जाती है।
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रहें सतर्क
- डॉक्टर बताते हैं कि मानसून के दौरान हेपेटाइटिस संक्रमण मुख्य रूप से ए व ई वायरसों के कारण होते हैं।
- जो प्रदूषित खाने या पानी से फैलता है।
- हेपेटाइटिस ए, आमतौर पर हेपेटाइटिस-ए से संक्रमित व्यक्ति से प्रदूषित हुए खाने या द्रव्य का सेवन करने से होता है।
- लेकिन यह जानलेवा नहीं है। इसकी वजह से लिवर में लंबी सूजन नहीं आती है।
- प्रदूषित पानी पीने या आसपास स्वच्छता न रखने वाले ज्यादातर लोग इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।
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- ऐसा ही हेपेटाइटिस-ई वायरस के साथ भी होता है। यह एक जलजनित रोग है।
- यह मुख्य रूप से प्रदूषित पानी या खाने का उपभोग करने से संचारित होता है।
- और खराब स्वच्छता वाले क्षेत्रों में ही यह मुख्य रूप से पाया जाता है।
- उन्होंने कहा, मानसून में ए और ई हेपेटाइटिस संक्रमण आम हैं।
- इन वायरसों से होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए बाजार में कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
- और किसी दवा की जरूरत भी नहीं। लेकिन चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।
- ताकि यह पता किया जा सके कि पीलिया बी व सी जैसे खतरनाक हेपेटाइटिस वायरस के कारण तो नहीं हुआ है।
- हेपेटाइटिस-ए व ई के संपर्क में आने से बचने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
- इससे बचाव के लिए कुछ चीजों से बचना चाहिए, जैसे कि दूषित पानी, बर्फ , कच्ची या अधपकी शेलफिश व ओइस्टर, कच्चे फल व सब्जियां।
- साथ ही घर से बाहर चाट, गोलगप्पे या कटे फल बिल्कुल नहीं खाने चाहिए।
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