2019 लोकसभा चुनावों के लिए सियासी बिसातें अभी से बिछने लगी हैं। सपा और बसपा के गठबंधन हो जाने से भाजपा ने इस गठबंधन के खिलाफ रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में जहाँ सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ की जगह मैनपुरी से चुनाव मैदान में होंगे तो वहीँ पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे। अब भाजपा ने कन्नौज में अखिलेश यादव को घेरने के लिए एक कद्दावर नेता को जिम्मेदारी दी है जिस पर भाजपा नेता ने अमल करना शुरू कर दिया है।
BJP एमएलसी को मिली जिम्मेदारी :
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का गढ़ कन्नौज भेदने के लिए भाजपा ने अभी से कमर कस ली है। कन्नौज के प्रभारी मंत्री के साथ-साथ भाजपा के अन्य बड़े नेताओं ने यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना शुरू कर दिया है। कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को घेरने की जिम्मेदारी मिलने के बाद शहर पहुंचे एमएलसी व प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय बहादुर पाठक का कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया। बीजेपी कार्यकर्ताओं से हाल पूछने के बाद उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा की सभी 80 सीटें जीतना है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याण कारी योजनाओं समाज की अंतिम कड़ी गरीब तक पहुंचाना बीजेपी का लक्ष्य है।
आसान नहीं है चुनौती :
कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को घेरना बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने कन्नौज में काफी विकास कार्य किये थे। सपा सरकार में कन्नौज में विकास की कई योजनायों के साथ-साथ जनता की मूलभूत समस्याओं पर नजर रखी जाती थी। जनता ने भी अखिलेश के इन कार्यों को सराहा था और मोदी लहर में भी उनकी पत्नी को संसद तक भेजा था। जनता ने ऐसा करके साफ़ बताया कि क्यों अखिलेश को पसंद करती है। ऐसे में बीजेपी जानती है कि अब सरकार न होने के मुद्दे पर ही सपा के गढ़ में अखिलेश यादव को घेरा जा सकता है।