बीते दिनों लाभ के पद पर रहने का दोषी पाये जाने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिल्ली के आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गयी थी। सदस्यता रद्द होने के बाद आप विधायकों ने काफी प्रदर्शन किया था। अब आम आदमी पार्टी के बाद भारतीय जनता पार्टी को अपने शासित राज्य में बड़ा झटका लगने जा रहा है जहाँ पर उसकी सरकार गिरने तक की नौबत आती हुई दिखाई दे रही है।
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भाजपा विधायकों पर लटकी तलवार :
दिल्ली के 20 आप विधायकों की सदस्यता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रद्द कर दी थी। अब आप के बाद भाजपा विधायकों पर ऐसी मुश्किल आती हुई दिखाई दे रही है। दिल्ली की आप सरकार तो विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद भी बच गयी मगर छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर बड़ी मुसीबत आ सकती है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव साल के आखिरी में होने वाला है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिवों के मामले में 4 याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें कहा गया है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति संवैधानिक नहीं है। वर्तमान समय में हाईकोर्ट ने संसदीय सचिवों की शक्ति को सीज करने का अधिकार दे दिया है। इसका मतलब है कि जिन विधायकों के खिलाफ याचिका दायर हुई है, वे शक्तिहीन हो गये हैं।
आप को भी लग चुका है झटका :
कुछ दिनों पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के 20 विधायकों को लाभ का पद देने के मामले में चुनाव आयोग ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। इस वाक्ये के बाद सभी की नजर अब छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार पर आकर टिक गयीं है। दिल्ली का इतिहास छत्तीसगढ़ में दोहराया गया तो बीजेपी के सामने संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत होती है। अगर बीजेपी के 11 विधायकों की सदस्यता खारिज हुई तो उसके पास 38 विधायक बचेंगे और उनकी सरकार गिरने की नौबत आ सकती है।