बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ के दौरे पर हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ भी स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे थे. लेकिन बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजधानी में पहुँचने से पूर्व ही सियासत ने ऐसी करवट की जिसका अंदाजा कम से कम विपक्षी दलों को तो नहीं था.
अखिलेश-मायावती की बढ़ी मुश्किलें:
अमित शाह को इस्तीफे की सलामी मिली लेकिन ये इस्तीफा विपक्ष की तरफ से आया जब 3 सपा के और एक बसपा के एमएलसी ने त्यागपत्र दे दिया. इशारा साफ़ था कि अब विधानपरिषद में केशव प्रसाद मौर्या, दिनेश शर्मा के रास्ते खुल गए. समाजवादी पार्टी के 3 एमएलसी यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब और मधुकर जेटली ने इस्तीफा दे दिया वहीँ बसपा के जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया। इन इस्तीफों से अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो की बेचैनी बढ़ गई है. कुछ ही देर में दोनों नेताओं का बयान भी आ गया. अपने चिर-परिचित अंदाज में दोनों नेताओं ने बीजेपी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
गुजरात में भी पलटी बाजी:
- हालाँकि लखनऊ दौरे पर बीजेपी का ‘शाही’ अंदाज केवल बानगी भर था.
- अमित शाह के गुजरात दौरे पर भी कमोवेश यही स्थिति नजर आयी थी.
- कल अमित शाह ने गुजरात से राजयसभा का पर्चा दाखिल किया था.
- कांग्रेस भी अहमद पटेल को राज्यसभा भेजने की कोशिश में जुटी है.
- लेकिन बीजेपी का इरादा कुछ और ही नजर आ रहा है.
- एक तरफ अमित शाह नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे तो वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस के 6 विधायक पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो रहे थे.
- बीजेपी का गेम प्लान बड़ा है. कांग्रेस को तहस-नहस कर बीजेपी गुजरात में अहमद पटेल का रास्ता रोकना चाहती है.
- इसके लिए उसे कांग्रेस के कुछ और विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश है.
- बीजेपी सदन में विधायकों की संख्या कम करने में जुटी है ताकि अहमद पटेल की दुश्वारी और बढ़े.
- बीजेपी के शीर्ष क्रम में अमित शाह और नरेंद्र मोदी विपक्ष को हर प्रकार से कमजोर करने की कोशिश में हैं.
- वहीँ विपक्ष अभी तक इन दोनों नेताओं की रणनीति का काट नहीं ढूंढ पाया है.
बिहार में महागठबंधन ढेर:
- बीजेपी ने बिहार में सत्ता में वापसी की.
- लालू प्रसाद यादव और नीतीश का गठबंधन समाप्त हुआ और बीजेपी ने नीतीश के साथ मिलकर सरकार बना ली.
- वहां भी लालू प्रसाद बौखलाए हुए हैं.
- आखिर जिस बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन बनाया गया, बीजेपी ने उसमें भी सेंध लगा ली.
- अब विपक्ष के पास नीतीश कुमार जैसा चेहरा भी नहीं जिसे 2019 में सामने कर लोकसभा चुनाव में मैदानी जंग के लिए बिगुल फूंके.