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कभी कभार अचानक ही हमारे साथ कुछ अजीबोगरीब घटनाएं होने लगती हैं. हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की आखिर क्यूँ ये हमारे साथ हो रहा है. लेकिन फिर भी जान नहीं पाते हैं. दुनिया बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि काले जादू पर बिलकुल भी विश्वास नहीं करते हैं. खैर अच्छी बात है, लेकिन आज हम आपके लिए काले जादू (black magic) से जुड़ी एक ऐसी खबर लेकर आये हैं. जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी आपको विश्वास हो जायेगा कि कला जादू किसी के लिए कितना खतरनाक हो सकता है. आगे की जानकारी के लिए बने रहें हमारी खबर पर…
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आइये जानते हैं काले जादू (black magic) की सच्चाई:
- बता दें कि काला जादू का नाम सामने आते ही भारत का बंगाल राज्य दिमाग में घूमने लगता है.
- लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत से ज्यादा काला जादू का उपयोग अफ्रीका में होता है.
- जी हां अफ्रीका का काला जादू वूडू नाम से जाना जाता है.
- बता दें कि इसकी मुख्य विशेषता है, इसमें इस्तेमाल होने वाले जानवरों के शरीर के हिस्से व पुतले.
कैसे जाने काले जादू को:
- बता दें तंत्र विज्ञानको की माने तो यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रक्रिया है.
- जिसे बहुत ही विशेष परिस्थितियों में अंजाम दिया जाता है.
- सबसे ख़ास बात इस प्रक्रिया में एक मूर्ति का उपयोग होता है.
- जो गुड़िया जैसी दिखती है, कई तरह की खाने की चीजों जैसे बेसन, उड़द के आटे आदि से बनाया जाता है.
- वहीँ इसमें विशेष मंत्रों से जान डाली जाती है.
- उसके बाद जिस व्यक्ति पर जादू करना होता है.
- वहीँ उसके बाद उसका नाम लेकर पुतले को जागृत किया जाता है.
- जानकारों का मानना है ये जादू और कुछ नहीं बस एक बंच ऑफ एनर्जी है.
- जो की एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है.
- ये भी कह सकते हैं कि एक इंसान के द्वारा दूसरे इंसान पर भेजा जाता है.
- लोगों की माने तो कला जादू (black magic) बेहद खतरनाक होता है.
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वूडू के नाम से जाना जाता है ये कला जादू:
- लोगों की मायता है कि 1847 में एरजूली डेंटर नाम की वूडू देवी एक पेड़ पर अवतरित हुई थी.
- बता दें इसे सुंदरता और प्यार की देवी माना जाता था.
- जी हां उसने कई लोगों की बीमारियां और परेशानियां अपने जादू से दूर कर दी थी.
- लेकिन एक कैथोलिक पादरी को यह सब पंसद नहीं आया.
- उसने इसे ईशनिंदा करार देकर उस पेड़ के तने को काट डालने का आदेश दिया था.
- तब से स्थानीय लोगों ने यहां देवी की मूर्ति बनाई और पूजा करने लगे थे.
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