क्या आपको पता है कि ब्रेड खाने से आपकी जान जा सकती है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक स्टडी में यही खतरनाक सच सामने आया है। अधिकांश घरों में सुबह नास्ते में ब्रेड का इस्तेमाल होता है। ना ज्यादा मेहनत और ना ही ज्यादा समय लगता है इसके लिए। अकेले रहने वाले लोगों के लिए तो ब्रेड बहुत खास चीज होती है।
सामान्यत: ब्रेड आटे या मैदे से बनते हैं। लेकिन सवाल ये है कि आटे से बनने वाले ब्रेड से कैंसर हो सकता है। समस्या आटे में नहीं बल्कि ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहे केमिकल्स में है जो कि जानलेवा होते हैं। अधिकांश देशों में इन केमिकल्स पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चूका है।
पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट नाम के इन केमिकल्स को दुनिया के तमाम देशों में ब्रेड और बेकरी की अन्य चीजें बनाने में इन केमिकल्स के इस्तेमाल पर पहले ही बैन लगाया जा चूका है।
कई जानलेवा बिमारियों का कारण:
ब्रेड के बारे में स्टडी में मुख्य भूमिका निभाने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के चंद्रभूषण का कहना है कि एक नहीं बल्कि तमाम रिसर्च यह साबित हुआ है कि पोटैशियम ब्रोमेट पेट के कैंसर और किडनी की पथरी जैसी बीमारियों का कारण होता है। इसी तरह से ब्रेड में पोटाशियम आयोडेट होने से शरीर में जरूरत से ज्यादा आयोडीन चला जाता है। इसी तरह पोटाशिम आयोडाइड से थायराइड से संबंधित दिक्कतें होती हैं।
आश्चर्यजनक रूप से, ये कंपनियां ब्रेड के पैकेट पर इन केमिकल्स के इस्तेमाल की जानकारी नहीं देती हैं।
ब्राउन ब्रेड और मल्टी ग्रेन ब्रेड में ये केमिकल कम पाये गए जबकि सफेद ब्रेड में खतरनाक स्तर पर पाये गए। कंपनियां ब्रेड को ज्यादा मुलायम और सफ़ेद बनाने के लिए इन केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं।
दिल्ली से लिए गए थे 38 सैंपल
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट ने जांच के लिए दिल्ली में अलग-अलग जगह से 38 सैंपल लिए गए। इनमें से ज्यादातर, सैंपल में इनमें से एक या दोनों पाए गए। इंग्लिश ओवन, हार्वेस्टर गोल्ड, ब्रिटेनिया जैसे लोकप्रिय ब्रांड के ब्रेड में भी यह केमिकल पाए गए। इसके अलावा बन और बर्गर में भी ऐसी ही हालात मिली।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ब्रेड से जुड़ी ख़बरों के मिलने की पुष्टि की और साथ ही कहा कि घबराने की जरुरत नहीं है, सरकार दोषी पाये जाने पर कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उड़ाएगी।