2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन होने के बाद पार्टी प्रत्याशियों ने नाम पर मंथन करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पूर्वांचल के एक बाहुबली नेता का नाम भी गठबंधन से चुनाव लड़ने के लिए चल रहा है। इस बीच बाहुबली नेता ने नाम की घोषणा होने से पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है जिसके बाद हड़कंप मच गया है।
महाराजगंज से बसपा लड़ेगी चुनाव :
2019 के लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा गठबंधन में महाराजगंज संसदीय सीट पर बसपा ने अपना दावा ठोंका है। इसके साथ ही संभावित प्रत्याशी को लेकर विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय का नाम सामने आ रहा है। बसपा में हालाकि नामांकन के दिन तक किसी का टिकट फाइनल नहीं रहता। इसके बाद भी गणेश शंकर पांडेय अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चिंत है। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में अप्रत्याशित रूप से सपा बसपा एक साथ आए और गोरखपुर में सीएम योगी तथा फूलपुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को पटकनी दी। इसके बाद भाजपा का हौसला पस्त हुआ है और सपा बसपा गठबंधन का हौसला परवान चढ़ा है। इसी के बाद सपा बसपा के गठबंधन की नींव और मजबूत हुई है। अब दोनों के बीच सीटों का बंटवारा लगभग फाइनल दौर में चल रहा है।
सपा का दावा भी है मजबूत :
एक फैक्ट ये भी है कि महाराजगंज ससंदीय सीट पर बसपा कभी विजयी नहीं रही मगर दूसरे नंबर पर जरूर रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा के उम्मीदवार काशीनाथ शुक्ला दूसरे नंबर पर रहे। यही कारण है कि बसपा यहाँ से अपनी दावेदारी पक्की मान रही है। सपा के अखिलेश सिंह इस सीट से एक बार जीत रह चुके हैं। पिछले चुनाव में वे भी तीसरे नंबर पर रहे जिससे उनका टिकट कट सकता है।हालाकि गठबंधन में वे अपनी दावेदारी पक्की मान रहे हैं। गणेश शंकर पांडेय शत प्रतिशत ब्राम्हण वोटरों पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि इन वोटरों का बड़ा वर्ग अभी भी भाजपा के साथ है जबकि यादव और मुस्लिम सपा को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते।