कश्ती हर तूफां से निकल सकती है, बिगड़ी हुयी बात फिर बन सकती है।
हिम्मत रख हौसला न हार, किस्मत किसी रोज बदल सकती है।
कहते हैं कि यदि कुछ करने का जज्बा हो और मन में उसके प्रति दृढ़ संकल्प हो तो आपको बुलंदियों तक जाने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है हमारे देश की बेटी अंतरराष्ट्रीय खो-खो खिलाड़ी एवं एशियन गोल्ड मेडलिस्ट प्रीती गुप्ता ने। उन्हें आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
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रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से होंगी सम्मानित
- बलिया जिले की रहने वाली प्रीती गुप्ता ने वर्ष 2007 में तहसील स्तर की प्रतियोगिता से अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी।
- प्रीती गुप्ता की पढ़ाई किसी कांवेंट स्कूल के बजाए प्राथमिक स्कूल में हुयी है।
- खिलाड़ी प्रीती गुप्ता और मृगेंदु राय ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर आज ये मुकाम हासिल किया है।
- बलिया की इस बेटी को मुख्यमंत्री योगी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री चेतन चौहान आज सम्मानित करेंगे।
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- बीती 11 अगस्त के प्रीति गुप्ता की माता उषा देेवी को वीर माता जीजाबाई सम्मान से सम्मानित किया गया था।
- खो-खो संघ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन डॉ. राकेश सिंह ने प्रीती के बारे में बताया।
- उन्होंने कहा कि प्रीती की इस सफलता से खिलाड़ी ही नहीं संगठन के लोग भी बेहद खुश हैं।
- पिता उमाशंकर गुप्ता उप्र विधानसभा चुनाव 2017 में भी निर्वाचन आयोग की ब्राण्ड एम्बेसडर के रुप में अपनी सेवा दे चुके हैं।
वर्ष 1972 से हुई थी इस सम्मान की शुरुआत
- प्रदेश सरकार ने खेल के माध्यम से प्रदेश का मान-सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने के लिए इस सम्मान की शुरुआत की।
- 1972 से शुरु हुये इस सम्मान में पुरुष खिलाड़ियों को लक्ष्मण अवार्ड और वर्ष 2000 से महिला
- खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड देना शुरु किया।
- आपको बता दें कि अभी तक कुल 137 पुरुषों और 33 महिला खिलाड़ियों को ये पुरस्कार मिल चुका है।
- खो-खो में पहली बार ये पुरस्कार किसी को मिलने जा रहा है।
- वहीं दिलचस्प ये भी है कि प्रीती बलिया की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्हें ये सम्मान मिलेगा।
- उन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ ही रानी लक्ष्मीबाई की कांस्य प्रतिमा और 3.11 लाख रुपये मिलेंगे।
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