लखनऊ पूरी दुनिया में अपनी तहजीब नजाकत के लिए मशहूर है। यहां के लोगो की जबान में ऐसी मिठास है जिसके सामने शक्कर की मिठास भी फीकी पड़ जाती है। अपने बातों के जरिये ही लखनऊ वासी लोगो को अपना दीवाना बना देते है। ये शहर अपने आपमे तहजीब का एक मरकज है। लखनऊ का शायरी से भी बहुत पुराना नाता है। इस शहर ने पूरी दुनिया को शायरी के आइने से सच्चाई का रास्ता दिखाया है। आज के दौर में जहा इन्सानी रिश्तों में लगातार गिरावट देखी जा रही है वही इस शहर के लोग है जो एक बार मिलने पर गैरों को भी अपना बना लेते हैं।
अगर इस शहर को हिन्दुस्तान की जन्नत कहा जाये तो गलत ना होगा। गंगा जमूनी तहजीब को अपने अन्दर समेटे इस शहर की खासियत ये है कि यहां सभी धर्मों के लोग अमन चैन से एक दूसरे के साथ रहते है। यहां की गलियों में आज भी मोहब्बत की हवाएं चलती है।
जब भी कही अमनों अमन की बात होती है लखनऊ का नाम खुद ही लोगो की जबान पर आ जाता है। लखनऊ ने सियासत के क्षेत्र में भी नायाब नगीने इस देश को दिये है। हिन्दु तान के अब तब के सबसे चहेते प्रधानमत्री पडित अटल बिहारी बाजपेयी ने भी अपने सियासी सफर की शुरूआत इसी खूबसूरत शहर से की थी। लखनऊ की इसी नजाकत को देखकर इस शहर से बेपनाह मोहब्बइत करने को जी चाहता है । इस शहर को लोगो इसी फितरत को देखकर ये शेर कहने को खुद ही अन्दखर से जबान पर आने को मजबूर हो जाता है।
लखनऊ वालों के लिए अर्ज है-
चन्दा व की चकोरी से कभी बात ना होती
गर तुमसे हमारी ये मुलाकात ना होती,
इस शहर के लोगो में कोई बात हे गहरी
वरना तो कभी इतनी हंसी बात ना होती।