पर्यावरण प्रदूषण के कारण जिस तरह से जलवायु परिवर्तन (climate change) हो रहा है, वह चिंता का विषय है। एक नये अध्ययन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण रात में तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण मनुष्य के नींद पर गहरा असर हो सकता है।
climate change से हो रहा मानव जीवन पर असर :
- जलवायु परिवर्तन से व्यक्ति पर क्या असर पड़ रहा है इसको लेकर एक अध्ययन किया गया है।
- इस अध्ययन के मुताबिक सदी के अंत तक संभवत: पृथ्वी पर लोग नींद की कमी से जूझ रहे होंगे।
- नासा ने 2050 और 2099 के जलवायु पूर्वानुमानों का प्रयोग कर अनुसंधानकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है।
- इस अध्ययन और निष्कर्ष को लेकर नासा अर्थ एक्सचेंज की ओर से एक बयान जारी किया गया है।
- कहा कि आने वाले समय में रातें गर्म हो गयीं और उससे नींद की कमी जारी रही तो भविष्य बहुत धूमिल सा है।
2050 तक लोगों को नींद लेने में होगी दिक्कत :
- अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन-डिएगो (यूसीएसडी) के अनुसंधानकर्ताओं ने बड़ी बातें कही है।
- अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक बढ़ते तापमान के कारण 2050 तक प्रत्येक 100 लोग कम से कम 6 दिन पूरी तरह से नींद नही ले सकेंगे।
- आगे कहा कि 2099 तक यह संख्या प्रति 100 पर बढ़कर 14 रातें हो जाएंगी।
- शोधार्थियों ने पाया कि रात के तापमान में एक डिग्री वृद्धि होने पर 100 लोग एक महीने में से तीन दिन ठीक से नहीं सो पाते हैं।
- अगर यही आलम रहा तो भविष्य में मानव जीवन के लिए यह चिंता का विषय है।
- इसलिए पर्यावरण को लेकर अब से सचेत हो जाइए।
- नहीं तो आने वाले समय में यह आप पर और आने वाली नई पीढ़ी पर गहरा असर डालेगी।
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