विश्वकप शुरू होने में कुछ ही वक्त बचा है लेकिन टीम में कप्तानी को लेकर विवाद बढ़ गया है. एक तरफ जहाँ विपक्षी टीम की इस कमी का फायदा उठाने में लगे हैं वहीँ कुछ खिलाड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विवादित बयानों के जरिये टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं.
मैच से पूर्व ही विवादों में टीम:
मैदान पर फील्डिंग सजाकर उनसे अच्छे प्रदर्शन करने की कोशिश में कप्तान जुटे हैं. इस कप्तान को कोच का भरपूर साथ मिलता रहा है. लेकिन अभी तक लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा बल्लेबाज अचानक से नाराज हो गया है. वर्तमान कप्तान के रवैये से वो बेहद खफा है. टीम का उपकप्तान होने के नाते वो भी चाहता है कि टीम में उसकी पसंद के खिलाड़ी रहें। अब वो इस खेल को अपने तरीके से खेलना चाहता है. वो टीम का कोच ना सही लेकिन कप्तान बनना चाहता है. अपने प्रदर्शन के दम पर वो टीम को जीताने के दावे कर रहा है. वहीँ वर्तमान कप्तान का इरादा कुछ और ही है. उनका मानना है कि कुछ खिलाड़ियों के नाम ही विपक्षी को धराशायी करने काफी होते हैं. होते होंगे पहले लेकिन अभी माहौल में कोई खिलाड़ी मैदान पर किसी से डरता नही है.वो बेहतर प्रदर्शन करके जीत हासिल करने में विश्वास करता है.
कप्तानी को लेकर बढ़ गया विवाद:
लेकिन इस पुरे खेल में एक पत्र का सार्वजनिक होना पुरे टीम पर भारी पड़ने लगा है. टीम में मदभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि टीम बंटवारे की कगार पर आ खड़ी हो गई है. अब कोच कप्तान और उपकप्तान में सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मामला उलझ गया है. खिलाड़ियों का एक ग्रुप कप्तान के साथ तो दूसरा उपकप्तान के साथ हो गया. कप्तान पुराने तरीके से खेल को खेलना चाहता है लेकिन उपकप्तान नए और आधुनिक तरीकों को अपनाकर जीतने की बात कर रहा है. अगर इन दोनों गुटों में सुलह नही हुई तो टीम तो टूटेगी ही इसके साथ दो लगातार विश्वकप जीतने का सपना भी बिखर जाएगा।
उपकप्तान ने कोच और मैनेजर के सामने शर्त रख दी है कि एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी को टीम में वापस लिया जाये जिसे ख़राब प्रदर्शन का बहाना बनाकर निकाल दिया गया था. वहीँ ये भी कहना है कि कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नही कर पाने के बाद भी टीम में क्यों बने हुए हैं. आज की जॉइंट प्रेस मीटिंग में इसी नाराजगी के कारण उपकप्तान
उप कप्तान को मिल रहा टीम के युवा खिलाड़ियों का साथ:
यहाँ बात टीम इंडिया की नहीं बल्कि टीम सपा की हो रही है. कोच और मैनेजर की भूमिका निभाते आये मुलायम के लिए अब शिवपाल और अखिलेश के रूप में कप्तान और उपकप्तान के मदभेदों को सुलझाना भारी पड़ रहा है. कप्तानी को लेकर संशय बना हुआ है क्योंकि उपकप्तान शुरू से ही अपने आप को कप्तान से कमतर नहीं आंकते हैं. ऐसे में अब बोर्ड की बैठक में ये मामला जाने पर सुलझाने की कोशिश की जा रही है लेकिन विवाद का हल नही मिल पाया है. उपकप्तान की बातों से सहमत होने वाले खिलाड़ियों की संख्या टीम में ज्यादा है. उपकप्तान का कहना है कि कप्तान के बाद अनुभव है लेकिन उनमें वो जूनून नही रहा और वो अब जरुरत के हिसाब से टीम को मैनेज नहीं कर पाते हैं. ऐसे में उपकप्तान की अच्छी पारी बेकार जाने का डर है.
विवाद सुलझाने की कोशिशें हो रही हैं नाकामयाब:
अब कोच के लिए फैसला करना मुश्किल हो रहा है. वहीँ उपकप्तान के फैन्स ने ऐलान कर दिया है कि अगर उपकप्तान को कप्तान बनाकर उनके मुताबिक टीम नहीं चुनी गई तो ये लोग विश्वकप के दौरान विरोध प्रदर्शन करेंगे। अपनी जमीन पर ही होने वाले विश्वकप में विरोध झेलने और शर्मशार होने से बचने के लिए देखना है कि अब कोच क्या फैसला करते हैं.