2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा जहाँ सत्ता में वापसी करने के लिए जुट गयी है तो वहीँ विपक्ष ने भाजपा और मोदी लहर को रोकने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है। सपा और बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया है। इसके अलावा इस गठबंधन में कांग्रेस और अन्य दलों के शामिल होने की खबरें हैं। इस बीच विपक्ष की एक बड़ी पार्टी ने अभी से ही पीएम मोदी की वाराणसी सीट पर अपना दावा पेश कर दिया है।
कांग्रेस ने पेश किया दावा :
एक तरफ भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र में घेरने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके चुनाव क्षेत्र वाराणसी में घेरने के प्रयास में है। राहुल गांधी ने पिछले दिनों कर्नाटक दौरे पर कहा था कि अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है तो नरेंद्र मोदी को वाराणसी सीट पर हराया जा सकता है। उपचुनावों में भाजपा को मिल रही हार से कांग्रेस का भी हौंसला बढ़ा है। वाराणसी के मुकाबले गोरखपुर को भाजपा के लिए ज्यादा सुरक्षित सीट माना जाता है। वहां सपा और बसपा मिल कर लड़े और भाजपा को हरा दिया। यही कारण है कि गठबंधन में शामिल होने के लिए कांग्रेस वाराणसी संसदीय सीट चाहती है।
ये हो सकते हैं प्रत्याशी :
कांग्रेस मानती है कि वाराणसी में उसका मजबूत आधार है। कांग्रेस का प्रयास सपा और बसपा के साथ तालमेल कर इस सीट पर अपना ब्राह्मण या भूमिहार उम्मीदवार लड़ाने का होगा। कमला पति त्रिपाठी के परिवार का कोई प्रत्याशी होगा या अजय राय फिर चुनाव लड़ेंगे। वाराणसी क्षेत्र से आने वाली अनुप्रिया पटेल के पति आशीष सिंह पटेल को विधान परिषद में भाजपा के कोटे से भेजा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार में इस इलाके से 4 मंत्री हैं तो केंद्र में मनोज सिन्हा इस इलाके का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी इसी इलाके से आते हैं।