क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कस्त्रो के इस्तीफा देने के बाद मिग्वेल डियाज़-कैनल को क्यूबा का नया राष्ट्रपति चुना गया है. फिदेल कस्त्रो के उत्तराधिकारी राउल कस्त्रो के इस्तीफा देने के साथ छह दशकों से क्यूबा पर कास्त्रो परिवार का शासन समाप्त हो गया है.क्यूबा की संसद ने मिगेल डियाज़ कनेल को देश का नया नेता चुन लिया है. वो 86 वर्षीय राष्ट्रपति राउल कास्त्रो का स्थान लेंगे. 57 वर्षीय कनेल राष्ट्रपति पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे। कनेल को नेशनल असेंबली में 604 में से 603 वोट मिले। वह पांच साल तक के लिए राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे।
6 दशकों से कास्त्रो परिवार कर रहा क्यूबा पर शासन:
शीत युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले फिदेल कास्त्रो और उनके बाद छोटे भाई राउल कास्त्रो ने देश की सत्ता लंबे समय से संभाल रहे थे। 86 साल के हो चुके राउल 2006 से देश के राष्ट्रपति थे। राउल कास्त्रों ने साल 2006 में अपने बीमार भाई फ़िदेल कास्त्रो से सत्ता अपने हाथों में ली थी.
57 वर्षीय कनेल राष्ट्रपति पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे। क्यूबा की सरकारी न्यूज वेबसाइट क्यूबाडिबेट के अनुसार, कनेल को नेशनल असेंबली में 604 में से 603 वोट मिले। वह पांच साल तक के लिए राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे।
मिगेल डियाज़ कनेल कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वोच्च नेताओं में से एक है। वह 2013 में पहली बार देश के उपराष्ट्रपति बने थे। 1959 की क्रांति के बाद वह देश के पहले ऐसे नेता हैं जो कास्त्रो परिवार से न होने के बावजूद राष्ट्रपति बने हैं। फिदेल कास्त्रो और उनके भाई राउल कास्त्रो का क्रांतिकारी इतिहास रहा है लेकिन डियाज़ का इतिहास ऐसा नहीं है. ये भी उनके लिए नेतृत्व को मुश्किल बना देगा.
कौन है डियाज़ कनेल:
-डियाज़ कनेल को जब साल 2013 में क्यूबा का उपराष्ट्रपति बनाया गया था तब वो कोई बहुत चर्चित नाम नहीं थे. लेकिन उसके बाद से वो कास्त्रो का दाहिना हाथ बन गए थे.
-उन्हें पिछले पांच सालों से राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के लिए तैयार किया जा रहा था. देश के पहले उपराष्ट्रपति बनने से पहले तक भी 57 वर्षीय डियाज़ के पास लंबा राजनीतिक अनुभव था.
-उनका जन्म अप्रैल 1960 में हुआ था. इससे एक साल पहले ही युवा फ़िदेल कास्त्रो देश के प्रधानमंत्री बने थे.
-उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और युवावस्था से ही वो यंग कम्यूनिस्ट लीग से जुड़े रहे हैं.
-उन्होंने सांटा क्लारा में युवावस्था में ही अपना राजनीतिक जीवन शुरू कर दिया था.
-एक स्थानीय यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग पढ़ाने के दौरान ही वो यंग कम्यूनिस्टि लीग में सीढ़ियां चढ़ते गए और सिर्फ़ 33 साल की उम्र में ही वो लीग के दूसरे सचिव चुन लिए गए.
-राउल कास्त्रो उनकी वैचारिक मज़बूती की तारीफ़ करते रहे हैं.
क्या नए राष्ट्रपति वास्तविक बदलाव ला सकेंगे:
-क्यूबा के अगले नेता के लिए कम समय में बड़ा बदलाव लाना आसान नहीं होगा, ख़ासकर तब, जब तक वास्तविक सत्ता राउल कास्त्रो के हाथ में रहेगी.
-क्यूबा में बदलाव आहिस्ता-आहिस्ता ही आएगा. बावजूद इसके राउल कास्त्रो ने राष्ट्रपति बनने के बाद कई सुधार लागू किए, ख़ासकर अमरीका के साथ रिश्ते बेहतर करके. ऐसा उनके भाई फ़िदेल के नेतृत्व में सोचना भी नामुमकिन सा था.
-नए नेता के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्यूबा के सहयोगी देश वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था के धराशाई होने के बाद अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने की होगी.
-यही नहीं कैरीबिया में बसा ये द्वीप देश राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व वाले अमरीका से कैसे रिश्ते रखता है ये भी अहम होगा.
-हालांकि क्यूबा के लोग अपने नए राष्ट्रपति का मूल्यांकन अपने जीवन में आए बदलाव के आधार पर ही करेंगे.