वोडाफोन और सेव लाइफ एनजीओ द्वारा किए गए ‘भारत में ड्राइविंग के समय (ध्यान भंग होना) मोबाइल फोन के इस्तेमाल, पैटर्न और आचरण’ नामक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें देश के 94 फीसदी लोग वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना खतरनाक मानते हैं लेकिन इनमें 47 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जो सड़कों पर गाड़ी चलाते समय फोन पर बातचीत करने की बात मानते हैं।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा :
- भारत में ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल, पैटर्न और आचरण पर अध्ययन हुआ है।
- जिसमें खुलासा हुआ है कि 41 फीसदी लोग गाड़ी चलाते समय अपने काम से संबंधित बातें फोन पर सुनते हैं।
- वोडाफोन में रेग्युलेटरी, एक्सटर्नल अफेयर्स और सीएसआर के निदेशक पी बालाजी ने कहा कि
- यह सर्वे रिपोर्ट सुरक्षा एवं विशेषकर सड़क सुरक्षा पर हमारे विशेष ध्यान को दर्शाती है।
- अध्यन के मुताबिक 34 फीसदी लोग ड्राइविंग के दौरान फोन पर बातचीत करते समय अचानक ब्रेक लगाने हैं।
- 20 फीसदी लोगों ने माना कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बातचीत करने पर वे दुर्घटना से बाल बाल बचे हैं।
आठ शहरों में हुआ सर्वेक्षण :
- ध्यान भंग विषय को लेकर आठ शहरों में सर्वेक्षण किया गया है।
- जिसमें जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, मेंगलुरू, कानपुर, दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु शामिल हैं।
- इन शहरो में दोपहिया चालकों, तिपहिया चाहलों और चार पहिया चालकों, ट्रक एवं बस ड्राइवरों समेत कुल 1749 लोगों से बातचीत की गई।
- सर्वेक्षण के दौरान बेंगलुरू में सबसे अधिक 83 फीसदी लोगों ने माना कि गाड़ी चलाते समय उन्होंने फोन किया या फोन उठाया है।
- दूसरे नंबर पर कोलकाता 70 और तीसरे नंबर पर मुम्बई 65 है।
- दिल्ली में ऐसे लोगों की संख्या 47 फीसदी है।
सुरक्षित ड्राइविंग संबंधी मोबाइल एप्प हुआ जारी :
- इस अवसर पर सुरक्षित ड्राइविंग संबंधी एक मोबाइल एप्प भी जारी किया गया।
- इसकी खासियत यह है कि वाहन के दस किलोमीटर प्रति घंटा की दर से अधिक होने पर,
- यह एप्प कॉल, एसएमएमएस आदि को अपने आप ही कुछ देर के लिए बंद कर देता है।