दिल्ली हाई कोर्ट ने आज भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निर्देश दिया कि वह भारत के लिए ओलंपिक पदक लाने वाले सुशील कुमार की बात पर गौर करे। अदालत ने अपने इस निर्देश के साथ खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती महासंघ से जवाब भी मांगा है और उन्हें हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। अब आगे इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को तय की गई है।
- दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि, अदालत निर्देश देती है कि प्रतिवादी चार (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोच याचिकाकर्ता (सुशील कुमार) को पक्ष रखने का मौका दें और उनका बात पर गौर करें।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने सुशील कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान डब्ल्यूएफआई को निर्देश दिया।
- सुशील कुमार ने 2016 ओलंपिक में कुश्ती प्रतियोगिता के 74 किग्रा फ्रीस्टाइल पुरूष वर्ग में भारत के प्रतिनिधित्व को लेकर फैसला करने के लिए चयन ट्रायल कराने की मांग की है।
- उन्होंने मांग की है कि डब्ल्यूएफआई को निर्देश दिया जाए कि वे 74 किग्रा पुरूष फ्रीस्टाइल में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवान के चयन के लिए ट्रायल करवाए।
- सुशील कुमार के वकील ने अदालत से कहा कि इससे पहले जब कुश्ती प्रतियोगिता हुई थी तब सुशील कुमार चोटिल थे जिसके बाद एक अन्य पहलवान नरसिंह पंचम यादव को मौका दिया गया था।