आप इसे चाहे पानीपूरी बोलिए चाहे गोलगप्पा। ये हर किसी को पसंद होते हैं, खास तौर पर महिलायें। पानीपूरी को भारत के अलावा विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। पानीपूरी को आटा या मैदा के साथ सूजी मिलाकर बनाया जाता है। शहरों के बदलने से इसका स्वाद और नाम जरूर बदलता है, लेकिन ये हर जगह लोगों द्वारा पसंद किये जाते हैं।
- उत्तर भारत में यह गोलगप्पे के नाम से मशहूर है। अलीगढ में इसे पड़ाका कहकर भी बुलाया जाता है। यहाँ पर इसे कई तरह के मसालों से बने खट्टे-मीठे पानी के साथ खाया जाता है।
- हरियाणा में इसे पताशों के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर इसे दही और चटनी के साथ सर्व किया जाता है।
- गुजरात के कुछ इलाकों में यह पकौड़ी के नाम से मशहूर है। यहाँ पर इसे मीठी चटनी और प्याज के साथ सर्व किया जाता है। इसके पानी में यहाँ पर पुदीना और हरी मिर्च मिलाई जाती है।
- मध्यप्रदेश के कई इलाकों में इसे टिक्की के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर इसे मसालेदार चटपटे पानी के साथ खाया जाता है।
- उड़ीसा, छतीसगढ़, झारखण्ड और तेलंगाना में इसे गुपचुप के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर इसमें काबुली चने और उबले आलू-मटर भरा जाता है। इसे स्वाद अनुसार प्याज के साथ खाया जाता है।
- पश्चिम बंगाल और असम में यह पुचका के नाम से मशहूर है। बांग्लादेश में भी इसे पुचका के नाम से जाता है। यहाँ पर इसमें उबले हुए मैश आलू को डालकर खाती-मीठी चटनी और मसालेदार पानी के साथ खाया जाता है।
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