देश के वैज्ञानिकों ने डेंगू बुखार के इलाज के लिए एक पौधे से दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है। डेंगू की अबतक कोई दवा या वैक्सीन नहीं थी।
इस दवा के सारे प्री-ट्रायल हो चुके है और क्लीनिकल ट्रायल को अंजाम देने के लिए इंटरनेशनल सेंटर फॉर जैनेटिक एंड बायोटेक्नोलॉजी, साइंस और टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने सन फॉर्म के साथ एक करार साइन किया है।
इस खोज से मुख्य वैज्ञानिक नवीन खन्ना ने बताया कि पिछले 10 साल से लगभग 10 वैज्ञानिकों की टीम इस पर काम कर रही थी। इस दौरान 19 पौधों का पूरी तरह से अध्ययन किया गया तब जाकर ये सफलता हासिल हुई है। इन सभी पौधों में बुखार, मांसपेशियों का दर्द, शरीर पर लाल चकतों का पड़ना जैसे डेंगू के लक्षणों पर टेस्ट किया गया, लेकिन इनमें से एक पौधा ही मिला जिसमें डेंगू को फैलाने के लिए जिम्मेदार चारों वायरस से पैदा होने वाले लक्षणों से लड़ने की क्षमता थी।
डेंगू के इलाज के लिए अच्छा संकेत
किसामपलोस नामक इस पौधे को हिन्दी मे लघु पाठा के नाम से भी जाना जाता है और ये मध्य प्रदेश, राजस्थान के अलावा साउथ के कई इलाकों मे बडी संख्या में पाये जाते हैं। इस पौधे की पत्तियों को सुखाकर इसका इस्तेमाल किया जा है और एक किलो पत्तियों से 100 ग्राम दवा बनाने की सामग्री मिल सकती है जो एक बहुत अच्छा संकेत है।