ये तो सभी को पता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए घातक है। बावजूद इसके लोग इस आदत को नहीं छोड़ते हैं जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। दिन में 20 सिगरेट से ज्यादा धूम्रपान करने वालों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या देखी गई है। साथ ही ऐसे लोगों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) का जोखिम भी 60 प्रतिशत तक अधिक रहता है।
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तनाव से बढ़ सकती है समस्या
- एक अध्ययन के अनुसार, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि भी ईडी की समस्या के लिए जिम्मेदार हैं।
- आईएमए के अनुसार, धूम्रपान से स्खलन और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी कमी आती है।
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मतलब है पुरुष जननेंद्रिय में पर्याप्त तनाव और उत्तेजना की कमी।
- इस विकार के कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही हो सकते हैं।
- ईडी आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत होता है।
- इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा, “पुरुषों में यौन उत्तेजना एक जटिल प्रक्रिया है।
- जिसमें मस्तिष्क, हार्मोन, भावनाएं, तंत्रिकाएं, मांसपेशियां और रक्त वाहिकाएं शामिल रहती हैं।
- जब इनमें कोई समस्या होती है, तब ईडी हो सकता है।
- तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं समस्या को और बिगाड़ सकती हैं।
- अधिक वजन, प्रोस्टेट सर्जरी या कैंसर, चोट, डिप्रेशन की दवाएं ईडी की समस्या को और गंभीर बना सकते हैं।
- ईडी से पीड़ित लोग जीवनशैली में बदलाव करके अपने यौन जीवन को बेहतर कर सकते हैं।
- इसके लिए धूम्रपान छोड़ना, वजन कम करना और व्यायाम जरूरी है।
- इससे रक्त का प्रवाह सुधरने लगता है।
- किसी दवा से साइड इफैक्ट की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कोई अन्य दवा ली जा सकती है।
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इन बातों का रखें ध्यान
- दिन में कम से कम 30 मिनट टहलने से ईडी के जोखिम में 41 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
- सही आहार लें। फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और मछली को अपने आहार में शामिल करें।
- उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स पुरुष अंग की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर और मोटापा यह समस्या बढ़ा सकते हैं।
- इसलिए वजन घटाना आवश्यक है।
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