कर्नाटक चुनाव की सरगर्मियों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रायबरेली में रैली और उसके बाद राजधानी लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर चुनिंदा नेताओं और कुछ अधिकारियों से बातचीत करके बड़े सियासी संदेश के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाते हुए रायबरेली के दिग्गज नेता दिनेश प्रताप सिंह के पूरे परिवार को भाजपा में शामिल करा लिया है। इस बीच 2019 में रायबरेली में कांग्रेस की सोनिया गाँधी को घेरने के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में बड़ा नाम सामने आ रहा है।

रायबरेली में गरजे अमित शाह :

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रैली में कहा कि कांग्रेस भगवा आतंकवाद और हिंदू आतंकवाद कहकर हिंदू संस्कृति को बदनाम कर रही थी लेकिन अदालत के फैसलों ने सच उजागर कर दिया। मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में असीमानंद को अदालत से बरी किये जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘… मैं राहुल बाबा को बोलना चाहता हूं कि उन्होंने और उनके नेताओं ने ‘भगवा आतंकवाद’ का नाम देकर देश के हिंदुओं को बदनाम करने का जो काम किया, उसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।’ उन्होंने जनसभा में आये लोगों से कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रायबरेली को हम एक आदर्श जिला बनाएंगे.’ अमित शाह ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का दावा करते हुए यह भी कहा कि 2019 में एक बार फिर देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही सरकार बनेगी।

दिनेश प्रताप सिंह लड़ सकते हैं चुनाव :

अभी तक के लोकसभा चुनावों में रायबरेली की सीट पर भाजपा कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पायी है। यही कारण है कि वह हर बार नया प्रत्याशी लेकर आती है मगर 2019 के पहले रायबरेली के पंचवटी परिवार के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। ऐसे में भाजपा भी इस मौके को भुनाते हुए कांग्रेस छोड़ने वाले दिनेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बना सकती है। दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं और लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं।

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