दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेंसर्स लगाये गए हैं। यह सेंसर्स जमीन की हलचल को माप कर भूकंप की गतिविधि का पता लगायेंगे।
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कैसे करेंगे ये सेंसर्स काम:
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- दिल्ली मेट्रो ने भूकंप को महसूस कर चेतावनी देने वाले उपकरणों को लगाने की योजना बना ली है।
- जिससे भूकम्प से होने वाले जान माल के नुकसान को कम किया जा सके।
- सीएसआईआर ने यह तकनीक विकसित की है जिसके जरिये भूकंप की स्थिति होते ही सिस्टम एक्टिव हो जायेंगे।
- इन सिस्टम ने पिछले महीने आये भूकंप के झटकों में मेट्रो को रोक दिया था।
- चंडीगढ़ के सीएसआईआर और सीएसआईओ में विकसित हुई इस टेक्नोलॉजी से अब भूकंप के झटकों को महसूस, उन्हें रिकॉर्ड और सम्बंधित सूचना चिंतित जगहों पर कार्यवाही की जगह भेजता है, वो भी एक साथ।
- ये सेंसर्स भूकंप की रिएक्टर स्केल पर 3.0 की तीव्रता तक को महसूस कर सकते हैं।
- सीएसआईओ के डायरेक्टर आरके सिन्हा ने बताया कि, यह अलार्म सिस्टम सूचना बनाने और सूचन को सम्बंधित अफसरों को पहुँचाने में जरा भी विलम्ब नहीं करता है, जिस कारण पिछले महीने आये भूकंप के झटकों में सिर्फ 3 सेकंड के अंदर मेट्रो को रोक दिया गया।
- उन्होंने ये भी बताया कि, यही अलार्म सिस्टम अब न्यूक्लियर रिएक्टर में भी लगाये जायेंगे जिससे भूकंप के दौरान चेतावनी दी जा सके।
- सीएसआईओ ने 5 सेंसर्स को दिल्ली मेट्रो के अलग अलग जगहों में लगाया है।
- सेंसर्स मुंडका, बोटैनिकल गार्डन, हुडा सिटी सेंटर, मेट्रो भवन और फरीदाबाद में लगाये गए हैं।
- ये सेंसर्स दिल्ली मेट्रो में अगस्त 2015 से काम कर रहे हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से पहचान इन्हें पिछले महीने से ही मिली है।
- ये सेंसर्स किसी पेंडुलम की भांति काम करते हैं, जमीन के अन्दर किसी भी तरह की भू-गर्भीय गतिविधि को यह महसूस करते हैं।
- उसके बाद ये उस सूचना को सम्बंधित विभाग को ट्रान्सफर करते हैं।
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