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हम इंसानों ने जब से पृथ्वी के क्रमिक विकास की श्रृंखला में कदम रखा है, तबसे लेकर अब तक अनेक मानव सभ्यताओं के लिए अन्तरिक्ष एक कौतूहल का विषय रहा है। हम आज भी उस अन्तरिक्ष के बारे में सब कुछ नहीं जानते हैं, जिसने हमारी आकाशगंगा को बनाया है। अनेकों सभ्यताओं और वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण के आधार पर अन्तरिक्ष की परिकल्पना की है। जिसके कारण कई बातों को लेकर मानव सभ्यता में आज तक भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आइये आपको, अन्तरिक्ष की इस दुनिया के कुछ भ्रम और उनकी वास्तविकता से अवगत कराते हैं।
अगले पेज पर देखिये अंतरिक्ष से जुड़े भ्रम-
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भ्रम: अन्तरिक्ष में बिना स्पेस सूट के होती है दर्दनाक मौत!
वास्तविकता: कई लोगों का यह मानना है कि, अन्तरिक्ष में स्पेस सूट न होने से आप एक दर्दनाक और तुरंत होने वाली मौत का सामना करेंगे। हालाँकि, यह पूरी तरह सच नहीं है, वैसे तो बिना स्पेस सूट के अन्तरिक्ष में जाना एक उपहासपूर्ण कार्य है। फिर भी एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति बिना स्पेस सूट के करीब 30 सेकंड तक अन्तरिक्ष में जिंदा रह सकता है, चूँकि अन्तरिक्ष में सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं है इसलिए हमारा दिमाग ऑक्सीजन की कमी से बेहोश हो जाता है और हमारी मौत हो जाती है।
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भ्रम: पृथ्वी गोल है!
वास्तविकता: कई सभ्यताओं के हमारे पूर्वजों के अनुसार पृथ्वी का आकर चपटा है और सूर्य उसके चारों ओर चक्कर काटता है, कहा जाता था, जिसके बाद वैज्ञानिक कॉपरनिक्स ने सबसे पहले इस भ्रम को तोड़ा कि, पृथ्वी चपटी नहीं बल्कि गोल है। हालाँकि, शुरूआती विरोध के बाद इस तथ्य को स्वीकार कर लिया गया था। लेकिन हमारी पृथ्वी किसी फुटबॉल और संतरे जैसी नहीं है, जिसका कारण है पृथ्वी की टेकटॉनिक प्लेटे इन प्लेटों के कारण ही पृथ्वी का आकर निर्धारित नहीं है और यह बदलता रहता है।
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भ्रम: सूर्य का रंग पीला है!
वास्तविकता: दिन में कई मौकों पर सूर्य हमें पीला, लाल और गहरा लाल दिखाई देता है, लेकिन वास्तविकता में सूर्य का रंग सफ़ेद है। गौरतलब है कि, किसी भी रौशनी का रंग उसके तापमान पर निर्भर करता है। हमारे सौरमंडल के सूर्य का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस है। इसके अलावा सूर्य की किरणों में लाल और पीले रंग की किरणें सबसे अधिक दूरी तय करते हुए पृथ्वी तक पहुंचती है। लेकिन अन्तरिक्ष से सूर्य को देखने पर वो अपने वास्तविक रंग सफ़ेद ही दिखाई देता है।
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भ्रम: बुध है सबसे गर्म गृह!
वास्तविकता: हम हमेशा से ये मानते आये हैं कि, बुध हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है, हालाँकि ये भी मानव सभ्यता का एक भ्रम ही है, बेशक बुध सूर्य के सबसे नजदीक है, लेकिन आकर छोटा होने के कारण वो उतना गर्म नहीं है, जितना हम सोचते हैं। गौरतलब है कि, हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह शुक्र है, कारण बुध के बाद सूर्य के सबसे निकट शुक्र ग्रह है और इसका आकार बुध से काफी बड़ा है और अपने बड़े आकर के कारण यह बुध के मुकाबले सूर्य की ज्यादा गर्मी अवशोषित करता है।
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