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विराट कोहली इस समय टीम इंडिया के तीनों फॉर्मेट के कप्तान हैं. इसके साथ ही विराट कोहली सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते जा रहे हैं. भारत के रन मशीन ने साल 2008 में अपना डेब्यू किया था और आज ये सफलता के चरम पर हैं. आज हम बात करने जा रहे हैं उन खिलाड़ियों की जिन्होंने कोहली के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया लेकिन आज वो कोहली के आस पास भी नज़र नही आ रहे हैं.

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यूसुफ़ पठान-

Yusuf-Pathan

  • यूसुफ़ पठान ने साल 2008 में टीम इंडिया में डेब्यू किया.
  • लेकिन उन्होंने अपने करियर के साथ न्याय नहीं किया.
  • टी-20 में पठान ने 22 मैच में से किसी में भी एक भी अर्धशतक नहीं बनाया.
  • इस फॉर्मेट में उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 37 रन है.
  • वहीँ यूसुफ़ 57 वनडे में 1000 रन भी पूरे नहीं कर सके हैं.
  • इस दौरान 41 वनडे पारियों में उन्होंने 810 रन बनाए.
  • इसमें दो शतक और सिर्फ तीन अर्धशतक शामिल है.

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प्रज्ञान ओझा-

Pragyan Ojha

  • प्रज्ञान ओझा ने 24 टेस्ट में ही 113 विकेट हासिल किए.
  • ओझा टेस्ट में भी हित रहे.
  • लेकिन ओझा की गेंदबाजी एक्शन पर विवाद बढ़ा.
  • बीसीसीआई ने ओझा की बॉलिंग एक्शन को ठीक करने की कवायद शुरू कर दी.
  • वापसी के बाद प्रज्ञान ओझा अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे लेकिन हिट नहीं हुए.

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मनोज तिवारी-

manoj-tiwary

  • घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते मनोज तिवारी टीम इंडिया में आए.
  • पहला वनडे में ब्रेट ली द्वारा आउट होने के बाद उनके करियर पर ग्रहण लग गया.
  • घरेलू क्रिकेट में खेलने के बाद एक बार फिर 2011 में उन्होंने वापसी की.
  • 12 वनडे खेलने वाले मनोज ने एक शतक बनाया है.

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सुब्रमण्यम बद्रीनाथ-

Subramaniam_Badrinath

  • सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेला लेकिन कभी पक्के तौर पर टीम का हिस्सा नहीं बन पाए.
  • घरेलू क्रिकेट में 10 हज़ार से ज्यादा रन बना चुके बद्रीनाथ के लिए वापसी की राह लगभग बंद हो चुकी है.

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मनप्रीत गोनी-

manpreet-gony

  • तेज़ गेंदबाजी के कारण मनप्रीत गोनी चयनकर्ताओं की पसंद बन गये थे.
  • दो वनडे में गोनी को खेलने का मौका मिला पर वो कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए.
  • 2009 के आईपीएल सीजन में बेकार प्रदर्शन के कारण वो चयनकर्ताओं की नज़रों से उतर गये.
  • 2009-10 रणजी सीजन में गोनी ने 31 विकेट लिए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

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