एक पेशेवर फुटबॉलर जब लगातार अपने सिर से गेंद को मारता है तो उसे लंबे समय के लिए दिमागी आघात का जोखिम उठाना पड़ सकता है। ब्रिटेन के कुछ वैज्ञानिकों ने इसके प्रयोगात्मक सबूत पेश किए है।

डिमेंशिया की बढ़ती है संभावना-

  • एक शोध के अनुसार खिलाड़ी जब सिर से गेंद को मारता है तो इससे उस डिमेंशिया होने की आकांशा बढ़ जाती है।
  • कार्डिफ युनिवर्सिटी और युनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने पांच पेशेवर फुटबॉलरों के दिमाग की पड़ताल की।
  • इस जांच में एक आजीवन शैकीन फुटबॉलर के दिमाग को भी शामिल किया गया।
  • इन्होंने औसत 26 सालों तक फुटबॉल खेला।
  • इन सभी छह के दिमाग में डिमेंशिया के लक्षण विकसित हो गये थे।
  • दिमाग की पड़ताल में इनमें से चार मामलों में दिमाग में चोट के निशान मिले थे।
  • इसे क्रोनिक ट्रॉमेटिक इंसेफलोपथी (सीटीई) कहा जाता है।
  • इसका सीधा संबंध याद्दाशत खोने और अवसाद से ग्रस्ति होना है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार जो शौकिया फुटबॉल खेलते है उनके लिए यह चिंता का विषय नहीं है।
  • बता दें कि इंग्लैंड के पूर्व फुटबॉलर जेफ एस्टल का लगातार गेंद सिर से मारने से चोटिल हो गया था।
  • जिसके कारण उन्हें मस्तिष्क आघात का सामना करना पड़ा था।
  • जेफ एस्टल का साल 2002 में निधन हो गया था।
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