आम आदमी पार्टी की दिल्ली में ऐतिहासिक बहुमत के साथ सरकार आई थी, वजह थी युवाओं में नया जोश और उम्मीद। केजरीवाल ने लगभग हर माध्यम से लोगों को यह बात समझाई थी की कैसे उनकी सरकार बनने के बाद जनता को बिजली और पानी बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी। अब वो वक़्त है जब दिल्ली में पानी के क्या हाल हैं वो किसी से छुपा नहीं है और बिजली का हाल आज हम आपको इस एनालिसिस के माध्यम से समझाएंगे।
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पर कैपिटा का जो राष्ट्रीय एवरेज है वो 25 यूनिट प्रति माह का है, वहीँ दिल्ली में प्रति माह 43 यूनिट पर कैपिटा बिजली खर्च होती है। ये आंकड़ें साफ़ कर देते हैं कि दिल्ली में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले लगभग दोगुनी बिजली खर्च होती है। अब आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार की स्कीम के मुताबिक़ बिजली की सस्ती दरें ना तो हर उपभोक्ता के लिए है और ना ही साल के 12 महीनों के लिए।