(Inlaws relationship) घर का मुखिया होने के कारण पुरुषों के मन में सदैव एक अहंकार का भाव रहता है। यही भाव ससुर-दामाद के सम्माननीय और प्रेम से भरे रिश्ते के बीच में सब कुछ बरबाद कर सकता है। लेकिन जिन परिवारों में कोई बेटे नहीं होते उन परिवारों में दामाद को ही एक बेटे की भांति परिवार की सारी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभानी होती हैं।
(Inlaws relationship) ससुर-दामाद का रिश्ता:
- एक अच्छा दामाद बनने के लिए कोई सख्त नियम व कानून नहीं हैं।
- जब माता पिता अपनी बेटी के रूप में आपको अपनी सबसे अनमोल रत्न सौंपते हैं।
- तो आपका भी यह फर्ज बनता है कि उनकी कुछ साधारण बातों को अपनाकर उन्हें ख़ुशी दें।
- आपके द्वारा किया गया थोड़ा सा प्रयास आपको आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना सकता है।
- आज के युग के युवा अपनी पत्नी से यह अपेक्षा रखते हैं कि वह उनके माता-पिता के साथ भी वैसा ही व्यवहार करे, जैसा कि वह स्वयं के माता पिता के साथ करती है।
- तो एक लड़की भी अपनी पति से यह अपेक्षा रख सकती है की वह भी इस धर्म का पालन करे।
- दामाद अपने अहंकार का परित्याग करें और अपने सास ससुर से माता-पिता व पुत्र का रिश्ता बनाएं।
- अपने सास ससुर को प्यार और सम्मान दें।
- जब भी कभी कठिन समय आता है तो बच्चे अपने माता पिता की जिम्मेदारी उठाते हैं।
- यदि आपको यह महसूस होता है कि उन्हें आपके सहारे की आवश्यकता है तो उनके साथ सदैव उनका सहारा बने।
- जब तक आप भावनाओं को व्यक्त नहीं करेंगे, उन्हें महसूस नहीं क्या जा सकता।
- इसलिए प्रेम की भावना व्यक्त करना बेहद जरूरी है।
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- कुछ दिन उनके साथ रहें, उनसे बात करें।
- उन्हें ये सब अच्छा लगेगा।
- उन्हें इन सब बातों से उन्हें वो खुशी मिलेगी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
- अगर आज के युग का हर युवक इन बातों को मानने लगे तो कभी भी दामाद और ससुर के बीच किसी भी तरह का संकोच नहीं रह जायेगा और नाही भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्या का भय रहेगा।
- हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में नौजवान युवक अपनी इस ज़िम्मेदारी को समझेंगे, भली भांति निभायेंगे और उनकी भावनाओं की भी कद्र करेंगे।