अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी झेल रही गूगल को और बड़ा झटका लगा है। यह झटका यूरोपीय संघ ने दिया है। यूरोपीय संघ ने गूगल कंपनी पर भरोसे के हनन के लिए 2.4 अरब यूरो का रिकॉर्ड यानी करीब 17,400 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है।
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Google ने प्रभावशाली स्थिति का दुरपयोग किया :
- यूरोपीय प्रतिस्पर्धा आयोग की सख्त फैसले लेने वाली प्रमुख मार्गरेथ वेस्टगेर ने इस संबंध में जानकारी दी।
- कहा कि गूगल ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन के रूप में अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरपयोग किया।
- साथ ही कहा कि अपनी ही शॉपिंग सेवा को गैरकानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया है।
- वेस्टेगर ने बयान में कहा गूगल ने जो किया है वह ईयू के एंटीट्रस्ट नियमों के खिलाफ है।
- कहा कि इसने अन्य कंपनियों को पात्रता के आधार पर प्रतिस्पर्धा और नवोन्मेषण से रोका है।
- आगे कहा इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि कंपनी ने यूरोप के उपभोक्ताओं को सेवाओं के उचित विकल्प और नवोन्मेषण के पूर्ण लाभ से वंचित किया।
- वेस्टेगर ने कहा इस तरह के मामलों में यह जुर्माना एक रिकॉर्ड है।
- बताया कि इससे पहले अमेरिकी चिप कंपनी इन्टेल पर 1.06 अरब यूरो का जुर्माना लगाया गया था।
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मार्गरेथ वेस्टेगर पहले भी ले चुके हैं इस तरह के फैसले :
- बता दें कि करीब एक साल पहले मार्गरेथ वेस्टगेर ने दुनिया और अमेरिका को भी झटका दिया था।
- वह आईफोन कंपनी एपल को आयरलैंड में 13 अरब यूरो के कर के पुनर्भुगतान का आदेश दिए थे।
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