जानिए कब व कैसे होगी गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पूजा और सूर्यग्रहण का प्रभाव
गोवर्धन पूजा, सूर्यग्रहण का प्रभाव, गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के कारण मंदिरों में पूजा पाठ वर्जित रहेगा और इस दिन लगने वाला 56 भोग भी नहीं लगेगा. इसलिए अब गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनायी जाएगी
आमतौर पर परंपरा यही रही है कि दीपावली के अगले दिन भगवान गोवर्धन की पूजा बड़ धूमधाम व रीति रिवाज के साथ की जाती है, लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं होने जा रहा है दिवाली 24 अक्टूबर को मनायी है. इसके हिसाब से 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा मनायी जानी चाहिए, लेकिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से अब गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनायी जाएगी, क्योंकि 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के कारण मंदिरों में पूजा पाठ वर्जित रहेगा और इस दिन लगने वाला 56 भोग भी नहीं लगेगा.
धार्मिक मान्यताओं व शास्त्रों के मुताबिक कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व है और इस देश भर के साथ साथ ब्रजमंडल में गोवर्धन पूजा खास तौर पर मनायी जाती है. लोग गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन परिक्रम व 56 भोग के प्रसाद का भोग लगाने का भी बड़ा आयोजन करते हैं.
गोवर्धन पूजा को इसे देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी मनाया जाता है. लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण यह त्योहार भी बुधवार को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है. इन्हीं इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहते हैं. यह भोग अब बुधवार को लगेगा
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है. इस साल प्रतिपदा 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होने वाली है और 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक चलेगी. ऐसी स्थिति में गोवर्धन पूजा के लिए 26 अक्टूबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा