बारिश के मौसम में लखनऊ में डेंगू की दस्तक को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों को हाईअलर्ट कर दिया गया है। राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान की डेंगू से हुई मौत के बाद सिविल अस्पताल से लेकर लोहिया और बलरामपुर जैसे बड़े अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। डेंगू बुखार का मच्छर अक्सर सुबह-शाम के समय ही काटता है। बीमारी के बाद इलाज से बेहतर यहीं है कि पहले ही सावधानी बरती जाए। डेगू के लक्षण और बचाव के आसान तरीकों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।
डेंगू मतलब- एसिड मच्छरः
- एडिस मच्छर पानी के ड्रम, मटकों, जारों, फूलदान और पौधों के नीचे रखे बर्तन में पैदा होते हैं।
- मादा मच्छर साफ पानी के बर्तनों में, घरों, स्कूलों और कार्य स्थलों के आसपास अंडे देती हैं।
- ये मच्छर घर के अंदर पर्दों के पीछे और अन्य अंधेरे स्थानों पर बैठे रहते हैं।
- वहीं खुली जगहों पर ये मच्छर ठंडे और छायादार स्थानों पर बैठते हैं।
- इनके अलावा उपयोग में न आने वाले प्लास्टिक के बर्तनों, बोतलों, नारियल के छिलकों, कूलरों, ओवर हैड टैंकों और सीमेंट की खुली टंकियों में पैदा हो सकते हैं।
डेंगू के लक्षणः
- तेज सिर दर्द के साथ बुखार हो, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो, आंख के पीछे दर्द हो, जी मिचलाना और उल्टी की शिकायत हो सकती है।
- डेंगू संक्रमित मरीजों में बुखार के साथ सिरदर्द, बदन दर्द, कमर दर्द और त्वचा पर चकत्ते आदि के लक्षण पाए जाते हैं।
- गंभीर मामलों में नाक, मुंह और मसूढ़ों से खून भी आ सकता है।
इलाज और सावधानियाः
- बुखार उतारने के लिए पैरासिटामोल का प्रयोग करें।
- डेंगू के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं होती है।
- किसी किस्म की दर्द निवारक दवा आदि का प्रयोग न करें।
- पपीते के पत्तों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में दो से तीन बार दें।
- घर और आसपास पानी न जमा होने दें।
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