हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन को इस सृष्टि की रचना हुई थी, इसी मान्यता के कारण चैत्र नवरात्रि से हिन्दी नव वर्ष की शुरूआत मानी जाती है। हिन्दू पंचाग के अनुसार विक्रम संवत 2073 की आज से शुरूआत हो रही है, और आज से नया साल शुरू हो रहा है।
हिन्दू समाज के लिए विशेष है यह पंचांग। हिन्दू काल-गणना के नियमों से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर या समयसूचक को पंचांग की संज्ञा दी गई है। पंचांग का यह नाम, इसके पाँच प्रमुख कारकों (तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण) से बने होने के कारण पड़ा है। इसकी गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धाराएँ हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति।
ये हैं चैत्र मास की विशेषताएं-
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चैत्र महीने की पहली तिथि को चैत्र प्रतिपदा कहते हैं।
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आज से शुरू होगा हिंदी नववर्ष, आज है साल का पहला दिन।
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विक्रम संवत 2073 की शुरुआत, विक्रम संवत को हिन्दू पंचांग का आधार भी माना गया।
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हिंदू पंचाग के अनुसार साल में 12 महीने होते हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।
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आज के दिन मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।
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नव दुर्गा की अराधना की जाती है, शक्ति पूजा का है विशेष महत्व।
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इस बार नव दिन की जगह आठ दिन होगी मां की अराधना।
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अलग-अलग जगहों पर विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाएगा नववर्ष का उल्लास।
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