कितना अद्भुत लम्हा होता है जब एक मां अपने कोख में पल रहे बच्चे को महसूस करती है। लेकिन वह नौ महीने के इस चक्र और उसकी हलचल को सिर्फ महसूस करती है कभी देख नहीं पाती है। Lennart Nilson भी गर्भ में पल रहे बच्चे और नौ महीने के बारें में सिर्फ सुना था कभी देखा नहीं था। लेकिन इस बात का मलाल रखने की जगह न सिर्फ उन्होंने Human Embryo (यानि भ्रूण) देखा बल्कि सभी मांओ के साथ पूरी दुनिया को इससे रूबरू कराया।
Lennart Nilson ने दिखाई जीवन की रचना :
- Lennart Nilson की दुनिया तब से दीवानी है, जब से उन्होंने की रचना दिखाई है।
- Nilson की तस्वीरों के माध्यम से लोगों ने पहली बार एक भ्रूण को बच्चा बनते देखा।
- उनकी खींची तस्वीरें इतनी खूबसूरत और कलात्मक हैं, कि एक पल के लिए शरीर का ये हिस्सा एक दूसरी ही दुनिया लगेगी।
- ऐसी दुनिया जिसमें रंग हैं, एहसास है और जीवन है।
- साल 1965 में LIFE मैगज़ीन में उनकी 16 पेज की Human Embryo (यानि भ्रूण) की Photo Series पब्लिश हुई थी।
- जीवन रचना की ये तस्वीरें इतनी पसंद की गयीं कि तब से लेकर अब तक इन्हें देखा और पढ़ा जा सकता है।
पहली फोटो सिरीज़ 1957 में ही क्लिक की थी :
- Lennart को हमेशा मां की कोख में पल रहे मानव भ्रूण के विकास को दिखाने की रूचि थी।
- उन्होंने पहली फोटो सिरीज़ 1957 में ही क्लिक कर ली थी, लेकिन तब उन्हें उतनी साफ़ तस्वीरें नहीं मिलीं थी।
- एक इंस्ट्रूमेंट Cytoscope की मदद से ये कमाल के फोटोग्राफर Human Embryo की तस्वीर लेते थे।
- Cytoscope Urinary Bladder का चेकअप करने के लिए इस्तेमाल होता है।
- इसी इस्न्ट्रूमेंट में Lennart एक कैमरा और छोटी-सी लाइट लगाने के बाद सामने आती हैं गर्भ में पल रहे बच्चे की अद्भुत तस्वीरें।