इस बार का टी-20 वर्ल्ड कप भारत में खेला जायेगा जिसे शुरू होने में मात्र कुछ ही दिन रह गए हैं।
इस टी-20 का हर भारतीय को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत कर रहा है। टी-20 वर्ल्ड कप में 16 टीमे खेलेंगी। इस वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का चयन का चयन हो गया है। इस टीम में कुछ नाम चौकानें वाले हैं।
एक तरफ जहाँ चोट की समस्या के कारण भारतीय टीम से लम्बे अरसे से दूर रहे मोहम्मद शमी को मौका दिया गया तो वहीं घरेलु क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले इरफ़ान पठान को नजर अंदाज कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पे गये मनीष पाण्डेय के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओ ने उन्हें टीम में जगह नहीं दी| दूसरी तरफ चयनकर्ताओ ने अनुभव को तरजीह देते हुये आशीष नेहरा को टीम में शामिल किया है| टीम इंडिया आशीष नेहरा जैसे अनुभव खिलाड़ी से काफी फायदा उठा सकती है|
IPL क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जसप्रीत बुमरह को टीम में शामिल किया गया है। इस 15 सदस्यी भारतीय टीम में 6 बल्लेबाज, 4 आल राउंडर और 5 गेंदबाज शामिल हैं। 20-20 वर्ल्ड कप जीतने के लिए धोनी के धुरंधरो को बड़ी भूमिका निभानी होगी। भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत बल्लेबाजी है। जहाँ ओपनर के रूप में शिखर धवन और रोहित शर्मा भारत को मजबूत शुरुवात देने में सक्षम है, तो वहीँ मिडल आर्डर में मजबूती देने के लिए विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह जैसे धुरंदर बल्लेबाज हैं। मैच को फिनिशिंग देने के लिए रविन्द्र जडेजा और मैच फिनिशर के नाम से मशहूर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मौजूद है।
भारतीय टीम की सबसे कमजोर कड़ी खिलाडियों की फिटनेस है, जिसके ऊपर भारतीय खिलाड़ियों को काफी ध्यान देना होगा। भारतीय टीम में युवा गेंदबाजो को मौका मिला है। ये सही वक़्त होगा जब वो अपनी प्रतिभा पूरे देश के सामने दिखायेंगे। भारतीय पिचों पर स्पिनरो का हमेशा से बोल बाला रहा है।
टीम में आश्विन जैसे अनुभवी स्पिनर मौजूद है जो रविन्द्र जडेजा और सुरेश रैना के साथ मिलकर विरोधी टीम को स्पिन के जाल में फ़साने की कोशिश करेंगे। अह्म सवाल ये है कि क्या इस टीम के साथ महेंद्र सिंह धोनी विश्व विजेता का ख़िताब जीत पायेंगे या फिर चोटिल होने के कारण लम्बे समय से भारतीय टीम से दूर रहे मोहम्मद शमी की जगह इरफ़ान पठान को टीम में शामिल करना चाहिए था।
चयनकर्ताओ ने इशांत शर्मा को भी वर्ल्ड कप की टीम का हिस्सा नहीं बनाया है। इसमें कोई शक नहीं कि महेंद्र सिंह धोनी के पास भारत की युवा ब्रिगेड है जिसके दम से वो किसी भी परिस्थिति में जीत हासिल कर सकते हैं। जहाँ तक सवाल क्षेत्ररक्षण का है तो उसमे भारतीय टीम को कमर कसने पड़ेगी। हो सकता है कि महेंद्र सिंह धोनी का ये आखिरी विश्व कप हो इसलिये भारतीय कप्तान किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेंगे ।
ऑस्ट्रेलिया और भारत में खेली गयी टी-20 सीरीज को देखते हुए तो ऐसा लगता है कि भारतीय टीम पूरी तरह से विश्व कप जीतने के लिए तैयार हैये उम्मीद करते हैं कि भारतीय टीम दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरे और इस बार टी-20 विश्व कप भारतीय टीम जीते।