छठ पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती हैं लेकिन यह बिहार व यूपी के लिए बहुत बड़ा त्योहार होता हैं नहाने खाने से शुरुआत होकर चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की समाप्ति भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही होती हैं छठ पूजा की परम्परा और उसके महत्व का प्रतिपादन करने वाली अनेक पौराणिक और लोक कथाएं प्रचलित हैं.
कहानी के अनुसार :
- लोक परम्परा के अनुसार कहा जाता हैं कि सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई बहन का हैं.
- इसलिए छठ के त्योहार पर सूर्य देव की पूजा की जाती हैं.
- ऐसा कहा जाता हैं कि बिना संतान का राजा प्रियवंद से महर्षि कश्यप ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराया था.
- राजा की पत्नी मालिनी को आहुति के लिए बनाई गई खीर दी गयी थी.
- ऐसा करने से राजा को पुत्र प्राप्ति तो हुई लेकिन पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ था.
- बहुत दुःख के साथ राजा पुत्र को श्मशान लेकर जाने लगे वही उसके प्राण को त्यागने लगा.
- कहा जाता हैं तभी उसी श्मशान में भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुई.
- पुत्री देवसेना ने राजा से कहा कि वें सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण षष्ठी कही जाती हैं.
- इन्होंने राजा से पूजा करने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा.
- पुत्री देवसेना ने ऐसा करने वाले को मनोवांछित फल की प्राप्ति का वरदान दिया.
- राजा ने पूरे मन से देवी षष्ठी का व्रत किया व उसके घर में कुलदीपक नें जन्म लिया.
- राजा ने यें पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को की थी तभी से छठ पूजा इसी दिन की जाती हैं.
यह भी पढ़ें : गुड़हल की चाय से पाएं चमकता हुआ चेहरा!