स्वास्थ्य संकेतों को लेकर वैश्विक स्तर पर एक अध्ययन किया गया है जिसमे 188 देशों में से भारत 143वें नंबर पर है.

स्वास्थ्य मूल्यांकन में भारत के अंक-

  • स्वास्थ्य मूल्यांकन संकेतकों में मृत्युदर, मलेरिया, स्वच्छता और वायु प्रदूषण आदि शामिल किये गए.
  • मलेरिया के लिए भारत ने महज 10 अंक अर्जित किये और इसके साथ ही भारत रेड जोन में आ गया.
  • स्वच्छता में स्वास्थ्य मूल्यांकन में भारत को सिर्फ 8 प्वॉइंट्स मिले है.
  • एयर क्वालिटी इंडिकेटर 5 के स्तर के लिए सिर्फ 18 अंक मिलें.
  • पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर के लिए 39 प्वॉइंट्स है.
  • गर्भावस्था में मृत्युदर के लिए 28 प्वॉइंट्स मिले हैं.
  • भारत को संक्रामक रोगों के एक विविध समूह, ओवरवेट और अल्कोहल की खपत पर अच्छी परफॉरमेंस के लिए 80 प्वॉइंट्स मिले हैं.

अन्य देशों के मुकाबले भारत की रैंक-

  • यह अध्ययन 188 देशों में करवाया गया जिसमे भारत को 143वां स्थान मिला.
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक विशेष समारोह में कहा गया कि तीव्र आर्थिक विकास के बावजूद भारत का नंबर कोमोरोस और घाना के नीचे है.
  • भारत, पाकिस्तान जिसकी रैंकिंग 149 और बांग्लादेश जिसकी रैंकिंग 151 है, से कुछ नंबर्स ही आगे है.
  • भारत की रैंकिंग स्वास्थ्य प्रदर्शन में भूटान, बोत्सवाना, सीरिया और श्रीलंका की रैंकिंग से भी नीचे है.

 

संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार एसडीजी की गाइडलाइन्स-

  • सतत विकास लक्ष्य (SDG) स्वास्थ्य के प्रदर्शन का यह पहला वार्षिक मूल्यांकन मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित किया गया.
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में गाइडलाइन्स के तहत 17 यूनिवर्सल लक्ष्य, 169 टारगेट और 230 संकेतक निर्धारित हैं.
  • इसके अंतर्गत 2030 तक फूड, पानी की सुरक्षा, गरीबी और जलवायु परिवर्तन में बदलाव करना है.
  • एसडीजी इन लक्ष्यों का पालन करने के साथ इनके विकास का विस्तार भी करता है.
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