सरकारी बीमा कंपनियों ने आठ अस्पतालों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने से मना कर दिया है। बीमा कंपनियों का आरोप है कि कई अस्पताल बढ़ा चढ़ा कर बिल देते है। बीमा कंपनी जहां सीधे तौर पर इसके लिए अस्पताल की गलत कार्य प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रही है, वही अस्पताल इस पर बोलने से बच रहें हैं।
इन अस्पतालों में बंद हुआ कैशलेस मेडीक्लेम:
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सर गंगाराम अस्पताल
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मूलचंद अस्पताल
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जीवन नर्सिंग होम
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कुबेर अस्पताल
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सार्थक मेडिकल सेन्टर
सार्वजनिक क्षेत्र की चार बीमा कंपनियों नेशनल इंशयोरेंस कारपोरेशन, ओरियंटल इंश्योरेंस,यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और न्यू इंडिया इंश्योरेंस ने इन अस्पतालों से कैशलेस चिकित्सा की सेवा समाप्त कर दी है। एक सरकारी बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने इसके लिए अस्पतालों को जिम्मेदार ठहराया। उनके मुताबिक ये अस्पताल मरीजों के इलाज का बिल बढ़ा चढ़ा कर देते हैं जरूरत न होने पर भी सिर्फ पैसा बनाने के लिए ये अस्पताल लोगों को भर्ती कर लेते हैं। अस्पतालों का पक्ष जानने के लिए भेजे गए ई-मेल का अब तक अस्पतालों से कोई जवाब नहीं मिला है।
वहीं अस्पतालों की तरह से कहा गया है कि, सरकारी बीमा कंपनियों ने उनसे सभी रोगियों के इलाज के बारे में पिछले एक साल का डेटा मांगा था। इसे उपलब्ध कराने में समय लग रहा है यह काफी बड़ा डेटा है। बीमा कंपनियों से जल्द ही इस बारे में बात की जाएगी। और कैशलेस इलाज की सुविधा बहाल करने को कहा गया है।
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