इसरो ने सोमवार को श्रीहरिकोटा से पहला ‘मेड इन इंडिया’ स्पेस शटल सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इसे भारत में ही बनाया गया है और इसे दुबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
ये स्पेस शटल अमेरिकी स्पेस शटल जैसा दिखता है और अपने असली साइज से 6 गुना छोटा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इसरो के वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी। पीएम ने ट्वीट करके कहा,’गतिशीलता और समर्पण के साथ जो हमारे इसरो के वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ सालों में काम किया है, वह असाधारण और बहुत ही प्रेरणादायक है।’
The dynamism & dedication with which our scientists & @isro have worked over the years is exceptional and very inspiring.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2016
WATCH: India launches its first indigenous space shuttle, the RLV-TD from Sriharikota(Andhra Pradesh)https://t.co/G0SxiQbJgw
— ANI (@ANI) May 23, 2016
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर के सिवन ने बताया कि RLV-TD का लक्ष्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह पहुंचाना और फिर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करना है। नौ मीटर लंबे रॉकेट का वजन 11 टन है।
डेल्टा पंखों वाले इस यान को सुबह भारतीय समयानुसार 6:30 बजे लॉन्च किया गया। इसको एक स्केल मॉडल के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है।
इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस स्पेस शटल के लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष में सैटलाइट आदि को लॉन्च करने का खर्च लगभग 10 गुना कम हो जायेगा। जिसके बाद प्रति किग्राभार पर 2000 अमेरिकी डॉलर का खर्च होगा।
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