[penci_blockquote style=”style-2″ align=”none” author=”” font_weight=”normal” font_style=”italic”]या तो तिरंगा लहरा कर आऊंगा या तिरंगे में लिपटा चला आऊंगा, लेकिन वापस जरुर आऊंगा[/penci_blockquote]
ये शब्द सुन कर शायद ही ऐसा कोई देश भक्त, ऐसा कोई भारतीय होगा जिसके खून में जोश न आये. ये लाइनें कहने वाले थे, ‘कारगिल के शेर’ केप्टन विक्रम बत्रा.
जी हाँ… वही विक्रम बत्रा जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपने साथी घायल जवान के लिए अपनी जान का बलिदान देने के लिए रत्ती भर भी नहीं सोचा.
‘कारगिल के शेर कैप्टन विक्रम बत्रा के जन्मदिन पर खास:
आज उन्हीं कैप्टन बत्रा का जन्म दिन है. भले ही 19 साल पहले भारत के इस हीरों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी हो, लेकिन आज भी कारगिल और देश के वीरों का नाम आने पर कैप्टन बत्रा का जिक्र होना लाज़मी हैं.
कैप्टन बत्रा के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जो उन्हें खास बनाता है. 9 सितम्बर 1974 को हिमाचल प्रदेश में अध्यापक गिरधारी लाल बत्रा के घर जुड़वाँ बच्चों का जन्म हुआ. दोनों बच्चों के नाम पड़े, ‘लव और कुश’ . लव यानी विक्रम बत्रा.
मर्चेंट नेवी के बदले चुना लेफ्टिनेंट का पद:
कैप्टेन बत्रा की साल 1997 को लेफ्टिनेंट के पोस्ट पर जॉइनिंग हुई थी, उस दौरान उनका मर्चेंट नेवी में भी चयन हुआ था लेकिन उन्होंने लेफ्टिनेट की नौकरी को चुना और दो साल में ही कैप्टेन बन गये.
ये वहीं कैप्टेन बत्रा है जिन्होंने कारगिल के पांच सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट जीतने में अहम् भूमिका निभाई थी.
जब कैप्टेन ने माधुरी के नाम पर घुसपैठियों को मार गिराया था:
उनके बारे में एक वाकया कहा जाता है कि एक बार पाकिस्तानी घुस पैठिये लड़ाई के दौरान चिल्लाते हुए बोले , ‘हमें माधुरी दीक्षित दे दो. हम नरमदिल हो जाएंगे’.
इस बात पर कैप्टन विक्रम बत्रा मुस्कुराए और अपनी AK-47 से फायर करते हुए बोले, ‘लो, माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ’ और कई सैनिकों को मार गिराया.
वैसे, कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के किस्से भारत में ही नहीं सुनाए जाते, पाकिस्तान में भी विक्रम बत्रा की चर्चा होती हैं. पाकिस्तानी आर्मी ने उन्हें ‘शेरशाह’ नाम दिया था.
आज दुश्मनों को मुहं तोड़ जवाब देने वाले और अपने साथी को बचाने के लिए खुद मौत को गले लगाकर शहादत पाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म दिन हैं. बता दें कि कैप्टेन विक्रम परमवीर चक्र पाने वाले आखिरी आर्मी मैन है.
UttarPradesh.Org की ओर से शहीद कैप्टेन बत्रा को सलाम….