सारे बच्चे यही सोचते हैं कि कब पढ़ाई से समय मिले और खेलने चले जाएं, दिल्ली की काव्या विग्नेश भी यही सोचती है। वह पढ़ाई के बाद फुरसत के पलों में खेलती जरूर है लेकिन वह बाकी बच्चों से थोड़ी अलग है क्योंकि उसने खेलने के समय में न सिर्फ एक प्रयोग कर रोबोट बना डाला बल्कि वह अगले महीने डेनमार्क में पेश भी करने वाली है।

अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक्स महोत्सव में दिखेगा रोबोट :

  • खेलने के समय का सदुपयोग करते हुए रोबोट बनाने वाली काव्या विग्नेश मात्र 12 वर्ष की है।
  • काव्या जिस रोबोट को बना रही हैं, वह अंतिम चरण पर है।
  • इस रोबोट को काव्या अगले महीने डेनमार्क में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक्स महोत्सव में अपने इस रोबोट को पेश करने वाली हैं।
  • आपको बता दें कि वसंत कुंज स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में काव्या कक्षा सात की छात्रा हैं।
  • वह रोबोटिक्स के क्षेत्र में आयोजित दुनिया की प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा ‘फर्स्ट लेगो लीग’ के लिए क्वालिफाई करने वाली भारत की सबसे युवा टीम की सदस्य हैं।

रोबोटिक्स के निर्माण का फैसला क्यों ? :

  • काव्या द्वारा बनाया गया रोबोट रिहयाशी इलाकों में मधुमक्खियों को सुरक्षा प्रदान करेगा।
  • यह रोबोट शहद का उत्पादन करने वाली मधुमक्खियों को उनके छत्ते से बिना नुकसान पहुंचाए सुरक्षित तरीके से हटा देगा।
  • जब काव्या से पूछा गया कि मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए रोबोटिक्स के निर्माण का फैसला क्यों लिया?
  • इस पर कहती हैं- मैंने मधुमक्खियों को इसलिए चुना, क्योंकि उनकी काफी अनदेखी की जाती है।
  • आगे कहा कि मनुष्य अनेक तरीके से मधुमक्खियों को सर्वाधिक मारते हैं।
  • छात्रा काव्या ने कहा कि जब वह नौ साल की थी तब से उसकी रुचि रोबोटिक्स में रही है।
  • कहा कि मेरे जीवन का उद्देश्य रोबोटिक्स की शक्ति का उपयोग दुनिया की समस्याओं के समाधान निकालने में है।
  • काव्या ने पिछले तीन वर्षो के दौरान दिल्ली रिजनल रोबोटिक्स चैम्पियनशिप का खिताब दो बार (2015, 2016) जीता है।
  • और अब वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
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