2019 के लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के खिलाफ दलितों की नाराजगी दिखाई देने लगी है जो उसे लोकसभा चुनावों में महंगी पड़ सकती है। जिस भाजपा के पास यूपी में सबसे ज्यादा दलित सांसद हैं, उसके ही कई दलित सांसद अब पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस मुश्किल को खत्म करने के लिए दलित कार्ड खेलते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बदल सकते हैं जिसमें कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं जि वर्तमान में प्रदेश सरकार में शामिल हैं।
केशव मौर्या फिर बन सकते है प्रदेश अध्यक्ष :
वर्तमान समय में यूपी की भाजपा सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पर पार्टी फिर से भरोसा कर सकती है। अमित शाह के लखनऊ आने के पहले से खबरें थी कि जल्द पार्टी संगठन और राज्य सरकार में बड़ा बदलाव होगा। इसके अलावा पिछले दिनों हुए दलितों के प्रदर्शन के बाद भाजपा ने फिर से केशव मौर्या को कमान देने की तैयारी कर ली है। इस दौड़ में वे ही सबसे आगे नजर आ रहे हैं। इसके अलावा दलित कार्ड खेलते हुए कई दलित नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है जिससे 2019 के चुनाव में समस्या न हो।
केशव हैं सभी की पसंद :
उत्तर प्रदेश की सत्ता में सालों बाद वापसी करने वाली भाजपा की प्रचंड जीत में केशव मौर्या का बड़ा योगदान रहा है। यही कारण है कि उन्हें सांसद से हटाकर यूपी सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया। केशव मौर्या की पिछड़ी जातियों में ख़ास पैठ मानी जाती है। उन्होंने ही 2017 के विधानसभा चुनावों में विपक्ष के कई बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया था। अब 2019 में सपा और बसपा एक होकर लड़ रहे हैं। ऐसे में भाजपा नेतृत्व को फिर केशव प्रसाद मौर्या में उम्मीद नजर आ रही है।