दिल्ली हुई गंदी ।
आबोहवा खराब ।।
जीना हुआ दूभर ।
दो तुम जवाब ।।
कौन ज़िम्मेदार ?
लगातार सिलसिला ।।
क्या हुआ ऐसा ?
आयी ये बला ।।
लापरवाही मानवीय ।
सोचो कुछ निदान ।।
चुपचाप बैठकर ।
ना बनो अनजान ।।
कृष्णेन्द्र राय
दिल्ली हुई गंदी ।
आबोहवा खराब ।।
जीना हुआ दूभर ।
दो तुम जवाब ।।
कौन ज़िम्मेदार ?
लगातार सिलसिला ।।
क्या हुआ ऐसा ?
आयी ये बला ।।
लापरवाही मानवीय ।
सोचो कुछ निदान ।।
चुपचाप बैठकर ।
ना बनो अनजान ।।