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रामायण हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ माना गया है। रामायण में भगवान राम ने रावण जैसे राक्षस का अंत करके संसार को उससे मुक्ति दिलाई थी। श्री राम की इस सफलता में पवन पुत्र हनुमान की भी ख़ास भूमिका रही है। हनुमान जी ने भी लंका जाकर माता सीता को भगवान राम के जल्द आने का संदेश दिया था। हनुमान जी के लंका जाते समय वे कई स्थानों पर विभिन्न कारणों से रुके थे। इस कारण पूरी दुनिया में उनके अभी भी कई पदचिन्ह (footprints) मिलते है। इन सभी चिन्हों को देखकर पता चलता है कि भगवान हनुमान यहीं से होकर गुजरे थे।

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दुनिया भर में है निशान (footprints) :

  • भगवान राम के सबसे करीब श्री हनुमान को ही माना जाता है।
  • इसी कारण किसी को भगवान राम से कुछ कहना होता है तो पहले हनुमान के पास अर्जी जाती है।
  • हनुमान जी भी हिन्दू धर्म में बहुत अधिक पूज्नीय माने जाते है।
  • रामभक्त हनुमान जी के पैरो के निशान देखकर सभी भक्त अपने को खुद्किस्मत महसूस करते है।
  • लंका जाते समय हनुमान जी के पैरो के निशान सिर्फ भारत ही नहीं कई अन्य जगह भी पड़े थे।

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  • हिमाचल प्रदेश के शिमला के जाखू मंदिर में हनुमान जी के पैरो के निशान अभी भी बने हुए है।
  • स्थानीय लोग मानते है कि हनुमान जी के चरणों के ये निशान राम और रावण युद्ध के समय के है।

hanuman footprints

  • कहावत है कि जब लक्ष्मण जी बेहोश हो गये थे, तो हनुमान जी संजीवनी लेने खुद गये थे।
  • इस दौरान आकाश से हनुमान जी की नजर यहाँ पर तपस्यालीन यक्ष ऋषि पर पड़ी थी।
  • तभी से इस स्थान का नाम भी उन ऋषि के नाम पर ही पड़ गया था।

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  • मगर समय बदलते हुए यक्ष से नाम बदलकर जाखू होता चला गया।
  • इसी पर्वत पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर उतरे भी थी और उनके पदचिन्ह बन गये थे।
  • भारत के बाहर मलेशिया में भी हनुमान जी के चरण के निशान देखने को मिलते है।+

hanuman footprints

  • यहाँ के पेनांग में एक मंदिर है जहाँ पर हनुमान जी के पैरो के निशान बने हुए है।
  • इसके अलावा थाईलैंड में भी ‘रामकियेन’ नाम से एक मंदिर बना हुआ है।

hanuman footprints

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