जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2016 के मेजबानी के लिए इस बार लखनऊ को चुना गया. उत्तर भारत में प्रतिकूल मौसम के हालत हमेशा से चिंता का विषय रहा है. लेकिन यह समस्या अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के लिए तब बढ़ गई जब 16 टीमों के टूर्नामेंट की शुरुआत से एक दिन पहले दृश्यता में काफी गिरावट आई.
धुंध की वजह से नज़र नहीं आ रहा स्टेडियम:
- शहर के बाहरी हिस्से में बने मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में धुंध की मोती चादर छाई रही.
- धुंध इतनी अधिक थी की स्टेडियम बिलकुल भी नज़र नहीं आ रहा था.
- ऐसे में खिलाडियों का खेल पाना भी मुश्किलों से भरा होगा.
- बता दें की फाइनल सहित कई मैच रात को सात और आठ बजे शुरू होने हैं.
वैकल्पिक रणनीति की तैयारी-
- धुंध के कारण स्टेडियम में खेलना मुश्किल नज़र आ रहा है.
- ऐसे में देर से शुरू होने वाले मैचों के लिए यहाँ एक गंभीर मुद्दा है.
- इसे प्रतिकूल मौसम की स्थिति में रणनीति बनाने की कोशिश की जा रही है.
- इसके लिए एफआईएच वैकल्पिक रणनीति पर विचार कर रही है.
- ऐसे में मैच के समय में बदलाव हो सकता है.
- इसके अलावा कुछ मैच गोमती नगर स्थित दूसरे हॉकी मैदान पर स्थानंतरित किया जा सकता है.
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