महाराष्ट्र के बड़े भाजपा नेता और फदंविस सरकार में मंत्री रहे पांडुरंग फुंडकर का देहांत हो गया। वो 67 वर्ष के थे और उनका निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ है। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग का 67 वर्ष की आयु में सुबह 4 बजे निधन हो गया। कृषि मंत्री को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें सोमैया अस्पताल ले जाया गया। वहाँ उनका इलाज शुरू हुआ लेकिन उनकी हालत बिगडती ही चली गयी। उन्होंने 4 बजके 35 मिनट पर अंतिम साँस ली. पांडुरंग फुंडकर को जुलाई 2016 में मंत्री बनाया गया था।
माना जाता सीनीयर नेता :
उन्हें भाजपा के सीनियर नेताओं में शुमार किया जाता था। वे महारष्ट्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 1991 से लेकर 1996 तक महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रहे। तीन बार सांसद रहे पांडुरंग का सम्मान विपक्षी नेता भी करते थे। दो बार विधायक भी रहे थे। 1978 में वो खामगांव से विधायक चुने गए। 1980 में दुबारा वो यहाँ से विधायक चुने गए। फुंडकर के बारे में कहा जाता है कि वो खासे पोपुलर नेता था. वो दूसरे दलों के नेता का भी खूब सम्मान करते थे. वो बड़े ओबीसी नेता थे।
फडनवीस सरकार में बने थे मंत्री :
महाराष्ट्र के फडनवीस सरकार में बतौर मंत्री उनके काम को बहुत आलोचना नहीं मिली। उनके काम को अक्सर सराहना मिलती रही है। पांडुरंग के निधन पर भाजपा नेताओं ने शोक जताया। विपक्षी नेता भी इस मौके पर उन्हें याद करने से नहीं चुके। कई वरिष्ट नेता उनके अंतिम दर्शन को अस्पताल पहुंचे। पांडुरंग का पार्थिव शरीर गुरुवार को अंत्येष्टि के लिए उनके पैतृक गांव विदर्भ के बुलधाना जिले के खामगांव ले जाया जा सकता है। पांडुरंग की मौत भाजपा के लिए भी बड़ी छति मानी जा रही है। उनके परिवार के लिए तो ये मुश्किल समय है ही लेकिन वो ओबीसी समाज के लिए काम करते रहे हैं। कई विपक्षी नेताओं ने पांडुरंग के निधन पर शोक जताया है।